
मुंबई। नागपुर महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एनएमआरडीए) और महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (महाजेनको) ने कोराडी (तालुका कामठी) क्षेत्र में एक विश्वस्तरीय इको-पर्यटन स्थल विकसित करने के लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत महाजेनको की 232.64 हेक्टेयर भूमि को 30 वर्षों की अवधि के लिए एनएमआरडीए को मात्र 1 रुपये वार्षिक किराए पर पट्टे पर दिया जाएगा। यह भूमि मौजा कोराडी, महादुला, खापरखेड़ा, नांदा और घोगली (जिला नागपुर ग्रामीण) में फैली हुई है। समारोह में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, नगरीय विकास राज्य मंत्री माधुरी मिसाल, मुख्य सचिव राजेश कुमार, ऊर्जा विभाग की अपर मुख्य सचिव आभा शुक्ला, महाजेनको के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राधाकृष्णन बी और एनएमआरडीए आयुक्त संजय मीणा समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। परियोजना के अंतर्गत गैर-मोटर चालित नौकायन (पैडल बोट, कयाक, डोंगी), तैरते डेक पर सवारी, तैरते प्लेटफॉर्म से पक्षी दर्शन, पर्यावरण-अनुकूल गतिविधियाँ और प्राकृतिक पर्यटन जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी। अधिकारियों ने बताया कि यह परियोजना पर्यटन उद्योग को नई दिशा देगी, स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएगी और नागपुर क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को गति प्रदान करेगी। साथ ही निर्माण कार्यों में पर्यावरण संरक्षण के सभी मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
समझौता ज्ञापन की प्रमुख बातें
- अनुबंध अवधि: 30 वर्ष, वार्षिक किराया केवल 1 रुपया।
- महाजेनको के अधिकार: मौजूदा ताप विद्युत संयंत्र और सीवेज संयंत्र पर पूर्ण स्वामित्व और नियंत्रण।
- एनएमआरडीए के अधिकार: झील की जल सतह का उपयोग केवल इको-पर्यटन परियोजनाओं के लिए।