
मुंबई। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को कहा कि राज्य में नगर परिषदों और नगर पंचायतों के प्रशासनिक भवनों का निर्माण अब सरकार द्वारा तैयार किए गए मॉडल मानचित्र (टाइप प्लान) के अनुसार करना अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि नगर परिषदों और नगर पंचायतों की संख्या, पदाधिकारियों, अधिकारियों, कर्मचारियों और शहरों की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए नए प्रशासनिक भवनों के लिए मॉडल प्लान तैयार किया गया है, जिसे लोक निर्माण विभाग के मुख्य वास्तुकार द्वारा अनुमोदित किया गया है। तदनुसार, राज्य की सभी नगर परिषदों और नगर पंचायतों को इसी मॉडल प्लान के अनुसार प्रशासनिक भवनों का निर्माण करना होगा। जिन स्थानों पर पहले से भवन निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है लेकिन कार्य शुरू नहीं हुआ है, वहाँ भी अब नए मॉडल मानचित्र के अनुसार ही निर्माण कार्य किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री शिंदे ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन शहरों में नगर परिषद या नगर पंचायत का प्रशासनिक भवन नहीं है, वहाँ प्राथमिकता के आधार पर धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में बढ़ती जनसंख्या, तेज़ी से हो रहे शहरीकरण और नई तकनीक के उपयोग को देखते हुए नगर परिषदों और नगर पंचायतों की जिम्मेदारियां पहले से कहीं अधिक बढ़ गई हैं। नागरिकों को सुविधाएं उपलब्ध कराने, शिकायतों का समय पर समाधान करने और ई-गवर्नेंस प्रणाली को लागू करने के लिए प्रशासनिक भवनों में आवश्यक संसाधन शामिल किए जाएंगे। इसी उद्देश्य से यह नया मॉडल मानचित्र तैयार किया गया है।