
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार द्वारा हाल ही में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत राज्य के स्कूलों में हिंदी भाषा को लागू करने के निर्देश के विरोध में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने आज नवी मुंबई के वाशी में उग्र प्रदर्शन किया। मनसे की छात्र शाखा – महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना – के नेतृत्व में यह प्रदर्शन छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर आयोजित किया गया, जहां कार्यकर्ताओं ने प्रतीकात्मक रूप से सरकारी आदेश की होली जलाई। यह विरोध प्रदर्शन मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के एक दिन पहले दिए गए तीखे बयान के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी थी कि यदि यह निर्णय वापस नहीं लिया गया, तो “संघर्ष अपरिहार्य होगा।” ठाकरे ने इस कदम को गैर-हिंदी भाषी राज्य में “हिंदी थोपने” का प्रयास बताया और इसे महाराष्ट्र की भाषाई अस्मिता पर हमला करार दिया। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ता “हम महाराष्ट्र में हिंदी थोपना बर्दाश्त नहीं करेंगे” और “हम हिंदू हैं, हिंदी नहीं” जैसे नारे लगाते नजर आए, जो इस फैसले के प्रति उनकी गहरी नाराजगी को दर्शाता है। बड़ी संख्या में छात्र और मनसे के पदाधिकारी इस प्रदर्शन में शामिल हुए। मनसे के वाशी शहर अध्यक्ष गजानन काले ने कहा, “मराठी हमारी मातृभाषा है, और महाराष्ट्र की शिक्षा व्यवस्था में उसे प्राथमिकता मिलनी चाहिए। हम मराठी की उपेक्षा और हिंदी के थोपे जाने के हर प्रयास का पुरजोर विरोध करेंगे।”यह विरोध ऐसे समय में सामने आया है जब राज्य सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत भाषाई समावेश को बढ़ावा देने की बात कही है, लेकिन मनसे जैसे क्षेत्रीय दल इसे स्थानीय पहचान और संस्कृति के लिए खतरे के रूप में देख रहे हैं। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक तापमान और बढ़ने की संभावना है।