
मुंबई। मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने घोड़बंदर-भायंदर जुड़वां सुरंग और एलिवेटेड रोड जैसी दो महत्त्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए पूर्व में जारी निविदा प्रक्रिया को रद्द करने का निर्णय लिया है। यह कदम न्यायालय में लगातार मिली कानूनी वैधता के बावजूद पारदर्शिता सुनिश्चित करने और व्यापक सार्वजनिक हित की रक्षा के उद्देश्य से उठाया गया है। परियोजनाओं की निविदा प्रक्रिया को लेकर प्रमुख बोलीदाता लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने दो बार बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिनमें एमएमआरडीए की निविदा प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी। दोनों ही अवसरों पर उच्च न्यायालय ने एमएमआरडीए के पक्ष में फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया कि निविदा नियम, तकनीकी विनिर्देश और पात्रता मानदंडों का पूर्णतः पालन किया गया था। इसके बाद एलएंडटी ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल की, जिसमें उन्होंने एमएमआरडीए को वित्तीय बोलियां खोलने और सार्वजनिक करने से रोकने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति गवई ने हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप से साफ इनकार कर दिया, जिससे एमएमआरडीए की निविदा प्रक्रिया की वैधता को सुप्रीम कोर्ट स्तर पर भी समर्थन मिला।
एलएंडटी की अयोग्यता का कारण निविदा के एक आवश्यक पात्रता मानदंड में विफलता थी, जिसमें यह सुनिश्चित करना अनिवार्य था कि बोलीदाता द्वारा निर्मित कोई भी पुल या बैराज पिछले दो वर्षों में ढहा नहीं है। एलएंडटी की ओर से किए गए स्वयं के प्रकटीकरण से यह स्पष्ट हुआ कि वह इस मानदंड को पूरा नहीं करता, इसलिए उसकी वित्तीय बोली को खोला ही नहीं गया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के माध्यम से प्रस्तुत करते हुए एमएमआरडीए ने न्यायालय के सम्मान और पारदर्शिता की अपनी संस्थागत प्रतिबद्धता के अंतर्गत दोनों निविदाओं को रद्द करने की घोषणा की और बताया कि अब नई निविदा प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस दौरान प्राधिकरण द्वारा प्राप्त मूल्य प्रस्तावों के आधार पर परियोजनाओं की आधार लागत में लगभग 3,000 करोड़ रुपए की कमी करने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि सार्वजनिक निधियों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। उल्लेखनीय है कि घोड़बंदर-भायंदर सुरंग परियोजना 14.6 मीटर व्यास की 5 किलोमीटर लंबी सुरंग है, जो मीरा-भायंदर में वसई क्रीक के पास गायमुख से ठाणे के शिलफाटा में फाउंटेन होटल जंक्शन को जोड़ेगी। इसकी अनुमानित लागत 8,000 करोड़ रुपए है। वहीं, दूसरी परियोजना 9.8 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड क्रीक रोड ब्रिज है, जो भायंदर को ठाणे के घोड़बंदर रोड से जोड़ेगा और जिसकी अनुमानित लागत 6,000 करोड़ रुपए है। इन दोनों परियोजनाओं से पूर्वी और पश्चिमी उपनगरों के बीच यातायात संपर्क में भारी सुधार होने की उम्मीद है और यात्रा दूरी में महत्वपूर्ण कमी आएगी। अब एमएमआरडीए नई निविदा प्रक्रिया के तहत पुनः ठेकेदारों से प्रस्ताव आमंत्रित करेगा।