
मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को मीठी नदी से गाद निकासी से जुड़े 65.54 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की जांच के सिलसिले में अभिनेता डिनो मोरिया, उनके भाई सेंटिनो मोरिया, बीएमसी के वरिष्ठ अधिकारियों और ठेकेदारों सहित कई लोगों के मुंबई और केरल स्थित 15 से अधिक परिसरों पर छापेमारी की। यह मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें वर्ष 2017 से 2023 के बीच जारी ठेकों में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और फर्जीवाड़े का आरोप है। जांच में सामने आया है कि बीएमसी अधिकारियों द्वारा गाद निकालने के लिए विशेष ड्रेजिंग उपकरणों की आपूर्ति से संबंधित निविदा प्रक्रिया में हेरफेर कर कुछ ठेकेदारों और कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया, जिससे नगर निगम को करीब 65 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसी प्रक्रिया के तहत कोच्चि स्थित मेटप्रोप टेक्निकल सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड को फायदा मिला, जिसके चलते केरल में भी तलाशी ली गई। ईडी ने मुंबई के बांद्रा पश्चिम स्थित डिनो मोरिया और उनके भाई सेंटिनो के आवासीय और व्यावसायिक परिसरों पर भी छापे मारे। इससे पहले आर्थिक अपराध शाखा डिनो मोरिया से दो बार पूछताछ कर चुकी है। जांच एजेंसियों को संदेह है कि मोरिया बंधुओं के संबंध कथित बिचौलिए केतन कदम से हैं, जिसे इस घोटाले में मुख्य आरोपी जय जोशी के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा, सेंटिनो से जुड़ी एक कंपनी के वित्तीय लेनदेन भी संदेह के घेरे में हैं। यह दूसरी बार है जब डिनो मोरिया ईडी के निशाने पर आए हैं; 2021 में भी उनकी संपत्ति गुजरात स्थित स्टर्लिंग बायोटेक के बैंक धोखाधड़ी मामले में कुर्क की गई थी। उल्लेखनीय है कि मीठी नदी परियोजना की शुरुआत 2005 की विनाशकारी बाढ़ के बाद की गई थी, जब बीएमसी ने हर वर्ष नियमित गाद निकासी की योजना बनाई थी। बीएमसी पर 1997 से 2022 तक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना का नियंत्रण था और उसके बाद नगर निकाय 2022 से राज्य सरकार के अधीन आया, जिसका नेतृत्व एकनाथ शिंदे कर रहे थे। पुलिस की एफआईआर के अनुसार, ड्रेजिंग उपकरणों के ठेके में गड़बड़ी कर कुछ चुनिंदा आपूर्तिकर्ताओं को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। ईडी की कार्रवाई से इस घोटाले में शामिल कई नामों के उजागर होने की संभावना है और आने वाले दिनों में कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।