
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार अब एम्बुलेंस सेवाओं को एकीकृत और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में काम कर रही है। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रकाश आबिटकर ने कहा कि राज्य में लोक स्वास्थ्य विभाग, एमएसआरडीसी, एनएचएआई और अन्य संस्थाओं द्वारा संचालित एम्बुलेंस सेवाओं को एक संयुक्त नेटवर्क में जोड़ने, संचालित करने और उनकी निगरानी के लिए प्रस्ताव विचाराधीन है। मंत्री आबिटकर ने यह जानकारी मंत्रालय में आयोजित महाराष्ट्र आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की समीक्षा बैठक में दी। इस बैठक में राज्य मंत्री मेघना साकोरे-बोर्डिकर, स्वास्थ्य सचिव डॉ. निपुण विनायक, स्वास्थ्य सेवा आयुक्त डॉ. कादंबरी बलकावड़े, परिवहन आयुक्त और विभिन्न एम्बुलेंस सेवा प्रदाताओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य में जल्द ही नई अत्याधुनिक 108 एम्बुलेंस सेवाएँ शुरू की जाएँगी। इन एम्बुलेंसों को निर्धारित समय पर सेवा में शामिल करने और आवश्यकतानुसार तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। वर्तमान में राज्य में 102, 104 और 112 नंबर की एम्बुलेंस भी कार्यरत हैं। एमएसआरडीसी और एनएचएआई द्वारा संचालित राजमार्गों और टोल प्लाज़ा पर पहले से ही एम्बुलेंस तैनात हैं। मंत्री आबिटकर ने कहा कि यदि इन सभी एम्बुलेंसों को एक नेटवर्क में जोड़ा जाए, तो मरीजों को “गोल्डन ऑवर्स” के दौरान त्वरित चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध कराना संभव होगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि राज्य की सभी एम्बुलेंसों पर स्पष्ट रूप से “महाराष्ट्र सरकार” लिखा होना चाहिए। किसी निजी कंपनी का नाम या लोगो इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। आपूर्तिकर्ता संगठन एम्बुलेंस को राज्य सरकार की पहल के रूप में ब्रांड करें, न कि अपनी कंपनी के रूप में। मंत्री आबिटकर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एम्बुलेंस की ब्रांडिंग सरकारी स्वीकृति के बाद ही की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह कदम आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को अधिक समन्वित और कुशल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।