
मुंबई। राज्य की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य की ओर अग्रसर है, और इस विकास के लिए उद्योग, कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में बिजली की भारी मांग होगी। इस परिप्रेक्ष्य में महावितरण द्वारा स्थापित किए जा रहे 38 नए सबस्टेशन और बिजली लाइन परियोजनाओं को समय पर पूरा करना अनिवार्य है, ऐसा ऊर्जा राज्य मंत्री मेघना बोर्डिकर ने कहा। हाल ही में मुंबई फोर्ट स्थित एमएसईबी होल्डिंग कंपनी कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता राज्य मंत्री श्रीमती बोर्डिकर ने की। बैठक में महावितरण और महापारेषण के अंतर्गत विभिन्न उप-स्टेशनों तथा उच्च दाब बिजली लाइन परियोजनाओं की प्रगति का आकलन किया गया। इस दौरान निदेशक (संचालन) सतीश चव्हाण, निदेशक (परियोजनाएँ) अविनाश निंबालकर, मुख्य अभियंता महेंद्र वाल्के, मुख्य अभियंता (परियोजनाएँ) सुनील सूर्यवंशी और मुख्य अभियंता माणिक गुट्टे उपस्थित थे। राज्य मंत्री बोर्डिकर ने बताया कि महावितरण के तहत 38 उप-स्टेशनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से पुणे शहर, नागपुर के मिहान औद्योगिक क्षेत्र सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में बिजली आपूर्ति और उपलब्धता में उल्लेखनीय सुधार होगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग से स्वीकृति मिलने के बावजूद कुछ परियोजनाएँ अब तक अधूरी हैं, जिन्हें शीघ्रता से पूरा करने के लिए प्रशासनिक प्रक्रियाओं में तेजी लाई जानी चाहिए। बैठक के दौरान मंत्री ने अमरावती के करजगाँव स्थित 132 केवी उप-स्टेशन, पुणे के शिकरापुर स्थित 765 केवी उप-स्टेशन और पचगाँव के 220 केवी उप-स्टेशन के कार्य पूर्ण होने पर संतोष व्यक्त किया। इसके अलावा, उन्होंने छत्रपति संभाजी नगर, अमरावती, परभणी, हिंगोली, सातारा, पुणे समेत विभिन्न जिलों में चल रही परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और कार्य गति बढ़ाने के निर्देश दिए।