
मुंबई। राज्य सरकार ने मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन में 1 प्रतिशत अतिरिक्त स्टांप ड्यूटी से मिले राजस्व में से 954 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इस फैसले से मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) को बड़ी राहत मिली है, जो वर्तमान में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के कारण भारी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ था। इस राशि से फंड की कमी काफी हद तक कम होगी और मुंबई में चल रहे कई विकास कार्यों की गति तेज हो सकेगी।
एमएमआरडीए को 201 करोड़ का आवंटन
सरकार ने मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एमएमआरडीए) को भी 201 करोड़ रुपये दिए हैं। यह संस्था मुंबई की महत्वाकांक्षी अंडरग्राउंड मेट्रो 3 लाइन का निर्माण कर रही है। माना जा रहा है कि इस कॉरिडोर के पूरा होने से मुंबई में ट्रैफिक जाम की समस्या में बड़ी कमी आएगी और यात्रा का समय घटेगा।
2019 में शुरू हुआ था 1 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी प्रावधान
मुंबई के इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार के लिए स्थिर फंड बनाने के मकसद से वर्ष 2019 में 1 प्रतिशत अतिरिक्त स्टांप ड्यूटी लागू की गई थी। अनुमान के अनुसार, सितंबर 2024 तक इस प्रावधान से लगभग 5,480 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद थी।
वित्तीय दबाव कम करने की दिशा में कदम
एमएमआरडीए ने पहले ही राज्य सरकार से इस राजस्व को जारी करने की मांग की थी। अब किस्तों में जारी किए जा रहे फंड से अथॉरिटी अपने कुछ कर्ज चुकता कर सकेगी और साथ ही विभिन्न प्रोजेक्ट्स में अपने हिस्से की लागत वहन करने में सक्षम होगी। अब तक MMRDA प्रोजेक्ट्स को लोन, डेवलपमेंट चार्ज और ट्रांसपोर्ट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) के जरिए मिलने वाले फंड पर निर्भर रहना पड़ता था।