
बीड। बीड के मस्साजोग के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के बाद सुर्खियों में आए वाल्मीक कराड ने अब मकोका कानून के तहत आरोपों से अपना नाम हटाने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में जस्टिस संदीप कुमार सी. मोरे और मेहरोज़ के. पठान की पीठ ने गुरुवार को सरकार को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। इस अर्जी पर अगली सुनवाई 19 सितंबर, 2025 को होगी। इससे पहले, बीड की विशेष अदालत ने इस मामले में वाल्मीक कराड की अर्जी खारिज कर दी थी। इस आदेश के खिलाफ वाल्मीक बाबूराव कराड ने पीठ में एक आपराधिक अर्जी दायर की है। इसके बाद, पीठ ने अपीलकर्ता कराड को मोक्का में हुए अपराध के लिए आरोपपत्र दाखिल करने की अनुमति दे दी है। कंपनी परिसर में हुई घटना के संबंध में 6 दिसंबर, 2024 को मामला दर्ज किया गया था, जहां सुनील शिंदे को फ़ोन पर धमकी दी गई थी और संतोष देशमुख ने बाद में जबरन वसूली का विरोध किया था। इस मामले से बाहर रखने के कराड के आवेदन को विशेष अदालत ने 22 जुलाई, 2025 को खारिज कर दिया था। अपीलकर्ता का नाम प्राथमिकी में न होने आदि मुद्दों पर, कराड ने अधिवक्ता संकेत एस. कुलकर्णी और अधिवक्ता सत्यव्रत जोशी के माध्यम से पीठ में उपरोक्त आवेदन दायर किया है। चार्जशीट में कहा गया है कि वाल्मीक के गिरोह ने पवन ऊर्जा परियोजना का निर्माण कर रही अवाडा कंपनी से 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी। कंपनी का कार्यालय मस्साजोग में है और गिरोह ने वहां एक सुरक्षा गार्ड की पिटाई भी की थी। इसके बाद, मासाजोग के सरपंच संतोष देशमुख ने मध्यस्थता कर मामला सुलझा लिया था। लेकिन 6 दिसंबर को जबरन वसूली में दखलंदाज़ी के शक में संतोष देशमुख की बेरहमी से हत्या कर दी गई। चार्जशीट में कहा गया है कि वाल्मीक कराड इस हत्या का मास्टरमाइंड था और उसके खिलाफ संगठित अपराध अधिनियम (ओसीसीए) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।