
मुंबई। महाराष्ट्र राज्य सहकारी विपणन महासंघ की भूमिका किसानों को राहत देने के लिए कृषि उपज की खरीद करने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। मुंबई में आयोजित एक समीक्षा बैठक में विपणन मंत्री जयकुमार रावल ने महासंघ को निर्देशित किया कि वह अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखते हुए आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए व्यावसायिक और सकारात्मक मानसिकता के साथ कार्य करे। बैठक में महासंघ के उपाध्यक्ष रोहित निकम, प्रबंध निदेशक श्रीधर दुबे पाटील और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मंत्री रावल ने बताया कि महासंघ की स्थापना 1958 में हुई थी और वर्तमान समय की जरूरतों को देखते हुए इसके उद्देश्यों में बदलाव आवश्यक है। उन्होंने कहा कि महासंघ को तालुका स्तर के खरीद-विक्रय संघों और राज्य सरकार के बीच प्रभावी समन्वयक की भूमिका निभानी चाहिए और उनके साथ विश्वास कायम करना अत्यंत आवश्यक है। रावल ने सुझाव दिया कि अन्य राज्यों के सफल विपणन महासंघों का अध्ययन कर महाराष्ट्र में कृषि उपज की बिक्री को बढ़ावा दिया जाए। साथ ही, केंद्र सरकार की योजनाओं के अंतर्गत व्यापार प्राप्त करने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने महासंघ की संपत्तियों के बेहतर रखरखाव और किराये पर उपयोग की बात भी कही, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। प्रबंध निदेशक दुबे पाटील ने बैठक में जानकारी दी कि महासंघ के 511 पदों में से केवल 104 पदों पर ही कर्मचारी कार्यरत हैं और शेष पदों की भर्ती अत्यावश्यक है। इसके साथ ही गोदामों व अन्य संपत्तियों की मरम्मत की आवश्यकता भी जताई गई। मंत्री रावल ने राज्य में इस वर्ष सर्वाधिक सोयाबीन की खरीद को एक बड़ी उपलब्धि बताया और इसमें महासंघ की भूमिका की सराहना करते हुए सभी अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने महासंघ को किसानों के हित में और अधिक प्रभावशाली तरीके से कार्य करने के निर्देश दिए।