
जालना। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने एक बार फिर अपना आंदोलन तेज कर दिया है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को ओबीसी श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए 26 अगस्त तक की समयसीमा तय करते हुए चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो 27 अगस्त से अंतरवाली सारथी से मुंबई की ओर विशाल विरोध मार्च निकाला जाएगा। जरांगे ने कहा कि इस बार बातचीत नहीं होगी और आंदोलन तब तक चलेगा जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं। सोमवार को जालना जिले में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, “अगर न्याय नहीं मिला, तो मैं इस सरकार को भी पलट सकता हूं। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, हम मुंबई नहीं छोड़ेंगे।” मार्च 27 अगस्त को अंतरवाली सारथी से शुरू होकर मनकला, शाहगढ़, अंबाल्टकली, तुलजापुर, पैठण, लोनावला, पनवेल, वाशी और चेंबूर होते हुए 28 अगस्त को मुंबई के आज़ाद मैदान पहुंचेगा। इसके बाद 29 अगस्त से जरांगे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे। जरांगे ने प्रमुख मांगों को दोहराया, जिनमें मराठा-कुनबी जाति मान्यता जीआर को तत्काल लागू करना, हैदराबाद गजट और सतारा-बॉम्बे गजट अभिलेखों के दस्तावेज़ों के आधार पर मान्यता देना, और पहले से दिया गया 10 प्रतिशत आरक्षण सुरक्षित रखना शामिल है। उन्होंने कहा, सरकार यह कहकर टाल-मटोल नहीं कर सकती कि अध्ययन अभी जारी है। हमारे समुदाय ने डेढ़ साल तक इंतजार किया है, अब और नहीं। जरांगे ने सरकार पर अधूरे वादों का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले जारी की गई अधिसूचनाओं पर कभी अमल नहीं हुआ। हम किराए के घर नहीं मांग रहे, हमें अपनी ज़मीन चाहिए। जब तक जायज़ दावे पूरे नहीं होंगे, मुंबई में आंदोलन जारी रहेगा।
राज्य सरकार पर इस मुद्दे को लेकर दबाव बढ़ गया है और आशंका जताई जा रही है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो यह आंदोलन राजधानी में बड़े टकराव का रूप ले सकता है।