Sunday, September 7, 2025
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मराठा-ओबीसी आरक्षण विवाद गरमाया: मंत्री छगन भुजबल की बढ़ाई गई सुरक्षा

मुंबई। मराठा आरक्षण के मसले पर खाद्य आणि नागरी पुरवठा मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल की ओर से व्यक्त किए गए विरोध के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भुजबल ने स्पष्ट रूप से ओबीसी आरक्षण के तहत मराठा समुदाय को हिस्सेदारी देने का विरोध किया था, जिसके चलते उनके फार्म हाउस पर पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है। गश्ती दल लगातार दिन-रात सुरक्षा व्यवस्था बनाए हुए हैं। राज्य में पिछले कुछ हफ्तों से मराठा आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है, जिससे सामाजिक और राजनीतिक तनाव का माहौल बना हुआ है। मराठा आरक्षण के समर्थन में मनोज जरांगे पाटिल ने मुंबई में आंदोलन किया था। हालांकि, सरकार द्वारा आरक्षण संबंधी सरकारी आदेश (जीआर) जारी करने के बाद उन्होंने अपनी भूख हड़ताल वापस ले ली थी। इसके बाद मराठा और ओबीसी नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। भुजबल पहले से ही ओबीसी आरक्षण के तहत मराठों को हिस्सा देने का विरोध कर रहे हैं और उन्हें पहले भी धमकियां मिल चुकी हैं। इसी को देखते हुए, पुलिस आयुक्त संदीप कर्णिक के निर्देश पर अंबड पुलिस स्टेशन के अधीन दो टीमों में दिन-रात एक अधिकारी और 12 पुलिसकर्मी उनकी सुरक्षा में तैनात किए गए हैं। गश्ती दल लगातार निगरानी कर रहे हैं, और भुजबल जिस जिले में भी जाते हैं वहां की स्थानीय पुलिस भी उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करती है। मीडिया से बातचीत में भुजबल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे की हैदराबाद गजेटियर के जरिए मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग मानकर नया संकट पैदा कर दिया है। उनके अनुसार, नए सरकारी आदेश (जीआर) में ‘पात्र’ शब्द हटा दिया गया है, जिससे ओबीसी वर्ग के तहत मराठों को आरक्षण देने की प्रक्रिया विवादास्पद हो गई है।

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