
मुंबई। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलनरत सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बुधवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘मुख्यमंत्री को अपनी बेटी की इतनी चिंता है, लेकिन वे मराठा बच्चों के लिए ऐसी चिंता क्यों नहीं दिखाते और उन्हें आरक्षण क्यों नहीं देते?’ मनोज जरांगे हाल ही में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अपना अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त कर चुके हैं। उनका यह बयान तब आया जब मुख्यमंत्री फडणवीस ने अपने सरकारी आवास में शिफ्ट न होने का कारण अपनी बेटी की परीक्षा को बताया। मंगलवार को सीएम फडणवीस ने कहा था कि उनके बेटे की 10वीं की परीक्षाएं चल रही हैं और वह बेटी की परीक्षा खत्म होने तक आधिकारिक निवास में शिफ्ट नहीं होंगे। सीएम के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जरांगे ने कहा, ‘हमने कल एक पिता का अपनी बेटी के प्रति प्रेम देखा… लेकिन मराठा बच्चों की चिंता कौन करेगा? क्या उन्हें हमारे उन बच्चों की पीड़ा नहीं दिखती, जो परीक्षा में कम अंक आने पर आत्महत्या कर लेते हैं? उन्हें आरक्षण क्यों नहीं दिया जा रहा, जो उनका अधिकार है?’ उन्होंने आगे कहा कि धनगर समुदाय को भी आरक्षण का वादा कर 10 साल तक गुमराह किया गया।
मुंबई मार्च की चेतावनी
मनोज जरांगे ने हाल ही में पांच दिनों तक विरोध प्रदर्शन के बाद अनशन समाप्त किया था। उन्होंने दावा किया कि सरकारी प्रतिनिधियों ने उनकी कई मांगों को मानने का आश्वासन दिया है। हालांकि, उन्होंने साफ चेतावनी दी कि अगर सरकार अपने वादे पूरे नहीं करती, तो मराठा समुदाय के लोग मुंबई तक पैदल मार्च करेंगे।