
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल की प्रमुख माँगें स्वीकार कर लीं और हैदराबाद राजपत्र के अंतर्गत एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी कर दिया। जीआर की प्रति मिलने के बाद मनोज जरांगे पाटिल ने अपनी भूख हड़ताल तत्काल समाप्त कर दी। हड़ताल खत्म होने पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह निर्णय मराठा समुदाय के हित में है। उन्होंने कहा- आलोचना और विरोध के बावजूद हमने हमेशा सभी समुदायों के कल्याण के लिए काम किया है और भविष्य में भी करेंगे। मुझे खुशी है कि आज यह भूख हड़ताल समाप्त हो गई है। विशेष रूप से हमारी कैबिनेट उप-समिति और उप-मुख्यमंत्रियों एकनाथ शिंदे व अजित पवार ने इस पर अच्छा काम किया है। फडणवीस ने बताया कि मराठा समाज की सबसे अहम माँग हैदराबाद राजपत्र को लागू करने की थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि आरक्षण किसी जाति को सामूहिक रूप से नहीं, बल्कि व्यक्ति को प्रमाणित आधार पर दिया जाएगा। यदि किसी व्यक्ति के दादा या परदादा का नाम हैदराबाद गजेटियर में दर्ज है, तो वह इसका सबूत होगा। इसके आधार पर प्रमाण पत्र जारी होगा और पात्र व्यक्तियों को आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मराठा और ओबीसी समाज के बीच किसी प्रकार का विवाद नहीं होने दिया जाएगा। हमने ऐसा फैसला लिया है जिससे दोनों पक्षों को फायदा होगा और किसी एक के अधिकारों का हनन नहीं होगा। राजनीति में कभी आशीर्वाद मिलता है, कभी विरोध, लेकिन हमारा संकल्प सबके लिए न्यायसंगत निर्णय लेना है।