
मुंबई। दिव्यांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम 2016 और उसके अंतर्गत बने नियम 2017 के अनुसार, राज्य के सभी शासकीय एवं अर्धशासकीय कार्यालयों को अपने यहां कार्यरत दिव्यांग अधिकारियों और कर्मचारियों की जानकारी निर्धारित प्रारूप में दर्ज करना आवश्यक है। राज्य सरकार के सभी मंत्रालयीन विभाग, उनके अधीनस्थ कार्यालय, विभाग प्रमुख एवं स्वायत्त संस्थानों को अपने विभाग में कार्यरत दिव्यांग अधिकारियों व कर्मचारियों की जानकारी हर वर्ष 1 जनवरी को विभाग की वेबसाइट पर प्रकाशित करना अनिवार्य किया गया है। शुक्रवार को दिव्यांग कल्याण विभाग के सचिव तुकाराम मुंढे ने बताया कि इस निर्णय से शासन सेवा और पदोन्नति में दिव्यांगों के लिए निर्धारित 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित होगा। सचिव मुंढे ने स्पष्ट किया कि इस निर्णय का उद्देश्य शासन सेवाओं में कार्यरत दिव्यांग कर्मचारियों का पारदर्शी एवं सटीक अभिलेख रखना तथा उनके अधिकारों की रक्षा करना है। इससे राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत दिव्यांग कर्मचारियों की जानकारी एक समान स्वरूप में उपलब्ध होगी और दिव्यांगों के सशक्तिकरण के प्रयासों को और गति मिलेगी। निर्णय के अनुसार, सभी प्रशासनिक विभागों और विभाग प्रमुखों को दिव्यांगों के लिए आरक्षित रिक्त पदों की छमाही समीक्षा करनी होगी ताकि लंबित पदों की तुरंत भर्ती की जा सके। मंत्रालयीन विभाग प्रमुखों को तैयार की गई जानकारी प्रत्येक वर्ष 1 जनवरी तक आयुक्त, दिव्यांग कल्याण को प्रस्तुत करनी होगी। इसके बाद आयुक्त यह जानकारी एकत्रित कर विभागवार वार्षिक रिपोर्ट में शामिल करेंगे। जो विभाग निर्धारित प्रारूप के अनुसार जानकारी प्रस्तुत नहीं करेंगे, उनके विरुद्ध धारा 89 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, ऐसा सचिव मुंढे ने कहा। इस संबंध में शासन निर्णय दिव्यांग कल्याण विभाग द्वारा जारी किया गया है और यह महाराष्ट्र शासन की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।




