
मुंबई। मुंबई के अंधेरी इलाके में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां मालदीव के मानद वाणिज्यदूत और टेक इंजीनियरिंग कंपनी के चेयरमैन बॉबी मोहंती (56) को उनके ही चपरासी श्रीकांत गड़तिया (24) ने धोखा दिया। मोहंती, जो बॉबी मोहंती फाउंडेशन ट्रस्ट के माध्यम से सामाजिक कार्य भी करते हैं, को यह धोखाधड़ी तब पता चली जब बैंक से एक संदिग्ध चेक की पुष्टि के लिए कॉल आया। श्रीकांत गड़तिया, जो पिछले छह वर्षों से मोहंती के साथ काम कर रहा था और उनके जुहू स्थित घर में भी रहता था, उन्हें विश्वास में लेकर उनके ट्रस्ट और कंपनी से जुड़े बैंकिंग दस्तावेजों को संभालता था। पुलिस के अनुसार, गड़तिया ने मोहंती के हस्ताक्षर की नकल करते हुए एक चेक पर जाली हस्ताक्षर किए और 1.5 लाख रुपये अपने खाते में जमा कर लिए। इसके बाद जब उसने 5 लाख रुपये का एक और चेक जमा करने की कोशिश की, तो डीसीबी बैंक, अंधेरी शाखा ने सतर्कता बरतते हुए मोहंती से पुष्टि के लिए संपर्क किया। मोहंती ने न केवल चेक को फर्जी बताया, बल्कि तत्काल बैंक को क्लियरेंस रोकने का निर्देश भी दिया।
कब और कैसे हुआ खुलासा?
घटना 4 जून की है, जब मोहंती को बैंक से कॉल आया। बैंक ने चेक की एक तस्वीर भेजी, जिस पर उनके हस्ताक्षर जाली पाए गए। इस पर जब मोहंती ने गड़तिया से सवाल किया, तो उसने अपराध स्वीकार कर लिया और बताया कि उसे यह राशि अपनी भतीजी की सर्जरी के लिए चाहिए थी। इसके बाद मोहंती ने जब गड़तिया की तलाशी ली, तो उसके पास से 55 जाली चेक बरामद हुए, जिन पर सभी चेक मोहंती के फर्जी हस्ताक्षर थे। अंबोली पुलिस ने आरोपी श्रीकांत गड़तिया के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के तहत आईपीसी की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी मोहंती की कंपनी और ट्रस्ट के बैंकिंग दस्तावेज और चेकबुक तक नियमित रूप से पहुंच रखता था, जिससे उसने यह धोखाधड़ी की योजना बनाई।