
गढ़चिरौली। महाराष्ट्र में लेफ्ट-विंग एक्सट्रीमिज़्म के खात्मे के अभियान को गढ़चिरौली जिले से एक और बड़ी कामयाबी मिली है, जहां बुधवार सुबह कुल 11 सीपीआई (माओवादी) कमांडर और कैडर ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इन सभी पर कुल 82 लाख रुपये का इनाम घोषित था। सरेंडर कार्यक्रम के दौरान पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला भी मौजूद रहीं। सरेंडर करने वालों में माओवादी संगठन के कई बड़े नेता शामिल हैं, जिनमें डिवीज़नल कमेटी मेंबर रमेश उर्फ बाजू लेकामी, भीमा उर्फ किरण हिडमा कोवासी, सीनियर प्लाटून कमेटी मेंबर पोरिया उर्फ लकी अदामा गोटा, रतन उर्फ सन्ना मासु ओयाम, कमला उर्फ रागो इरिया वेलाडी, पोरिया उर्फ कुमारी भीमा वेलाडी, रामजी उर्फ मुरा लच्छू पुंगाटी, सोनू पोडियम उर्फ अजय, प्रकाश उर्फ पांडू पुंगाटी, सीता उर्फ जैनी टोंडे पल्लो और साईनाथ शंकर माडे प्रमुख हैं। चार माओवादी हथियारों और यूनिफॉर्म के साथ पहुंचे थे, जिसके चलते कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा कड़ी की गई थी। अधिकारियों का मानना है कि यह सामूहिक आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना तक फैले दंडकारण्य क्षेत्र में माओवादी ऑपरेशन को गहरा झटका देगा। कार्यक्रम में एडिशनल डीजी (स्पेशल एक्शन) डॉ. शेरिंग दोरजे, डीआईजी अंकित गोयल, डीआईजी (सीआरपीएफ) अजय कुमार शर्मा और पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल भी उपस्थित थे। इससे पहले 15 अक्टूबर को सीपीआई (माओवादी) के पोलित ब्यूरो सदस्य भूपति उर्फ मल्लोजुला वेणुगोपाल राव ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने 60 साथियों के साथ सरेंडर किया था। अधिकारियों के अनुसार यह घटनाक्रम गढ़चिरौली में नक्सलवाद के अंत की शुरुआत है। बता दें कि केंद्र और राज्य सरकारें 31 मार्च 2026 तक देश से लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिज़्म को खत्म करने के लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध हैं। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि सिर्फ इस साल गढ़चिरौली जिले में 100 से अधिक माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जो जिले में शांति बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।




