
गृह राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर ने विधानसभा में दी जानकारी
नागपुर। अहिल्यानगर जिले के प्रसिद्ध श्री शनिश्वर (शनिसिंहनापुर) मंदिर में ऑनलाइन पूजा, चढ़ावा और लाइव दर्शन सेवाओं के नाम पर बड़े पैमाने पर वित्तीय गबन का मामला सामने आया है। इस सनसनीखेज खुलासे के बाद मंदिर प्रशासन और राज्य सरकार हरकत में आ गई है। गृह राज्य मंत्री डॉ. पंकज भोयर ने रविवार को विधानसभा में जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में मंदिर के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। विधानसभा सदस्य विट्ठल लांगे द्वारा रखे गए विशेष सुझाव के उत्तर में गृह राज्य मंत्री ने बताया कि वर्ष 2018 से शेमारू कंपनी को श्री शनिदेव के लाइव दर्शन की अनुमति दी गई थी। इसके बाद वर्ष 2022 से 2025 के बीच श्री मंदिर, उत्सव, वामा और शेमारू जैसे ऐप्स के माध्यम से ऑनलाइन पूजा, चढ़ावा और लाइव दर्शन की सेवाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न देवदान कंपनियों को अनुमति दी गई थी। डॉ. पंकज भोयर ने बताया कि 24 सितंबर 2022 को मंदिर के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ की बैठक में कार्यकारी अधिकारी और उप-कार्यकारी अधिकारी को ऑनलाइन पूजा सेवाएं देने वाली एजेंसियों को अनुमति देने का अधिकार सौंपा गया था। हालांकि, जांच के दौरान उप-कार्यकारी अधिकारी और दो कर्मचारियों के कामकाज में गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। जांच में खुलासा हुआ कि एक कर्मचारी ने लगभग 37 लाख 15 हजार रुपये और दूसरे कर्मचारी ने करीब 32 लाख 5 हजार रुपये की राशि का गबन और धोखाधड़ी की। यह भी सामने आया कि ऑनलाइन पूजा और चढ़ावे के माध्यम से प्राप्त रकम को सीधे मंदिर के बैंक खाते में जमा करने के बजाय आरोपियों ने आपस में बांटकर अपने पास रख लिया। गृह राज्यमंत्री ने सदन को बताया कि दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और वे 8 दिसंबर 2025 से न्यायिक हिरासत में हैं। इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर महाराष्ट्र साइबर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक की निगरानी में आगे की जांच की जा रही है।
डॉ. भोयर ने कहा कि जांच शीघ्र पूरी की जाएगी और रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद दोषियों के खिलाफ और कड़े कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।




