
मालेगांव। नगर निगम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के ज़रिए प्राप्त 3273 जन्म प्रमाण पत्र रद्द कर दिए हैं। जाँच में पाया गया कि इन लोगों ने देरी से जन्म प्रमाण पत्र बनवाते समय प्रमाण के रूप में अपने चुनावी पहचान पत्र (वोटर आईडी) जमा किए थे, जो दस्तावेज़ों की दृष्टि से अवैध थे। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, इन सभी 3273 व्यक्तियों ने अवैध तरीके से जन्म प्रमाण पत्र हासिल कर लिए थे, जबकि वास्तव में उनका जन्म मालेगांव में दर्ज ही नहीं था। प्रशासन का कहना है कि अब इन व्यक्तियों के पास मालेगांव में जन्म का कोई वैध सबूत नहीं बचा है। इन प्रमाण पत्रों के आधार पर उन्होंने आगे चलकर आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और अन्य सरकारी दस्तावेज़ भी प्राप्त किए थे। इस खुलासे के बाद गुरुवार को भाजपा नेता डॉ. किरीट सोमैया ने महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस. चोकलिंगम से मुलाकात कर कार्रवाई की माँग की है। सोमैया ने आयोग को सभी प्रासंगिक दस्तावेज़ और प्रमाण सौंपे हैं और कहा है कि इन 3273 लोगों के नाम मतदाता सूची से तत्काल हटाए जाएँ। सोमैया ने याद दिलाया कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान भी चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया था कि आधार कार्ड केवल पहचान का प्रमाण है, नागरिकता या जन्म प्रमाण नहीं। उनका कहना है कि मालेगांव में इसी प्रकार की धोखाधड़ी से नागरिकता और मतदान अधिकार का दुरुपयोग किया गया है, जिसे सख्ती से रोका जाना चाहिए। नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि संपूर्ण मामले की विस्तृत जाँच जारी है, और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि किस स्तर पर और किन कर्मचारियों की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा संभव हुआ। फिलहाल, सभी 3273 जन्म प्रमाण पत्रों को अमान्य घोषित किया गया है, और संबंधित विभागों को आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेज दी गई है।