
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को निवेश आकर्षित करने और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से श्रम कानूनों में व्यापक संशोधन को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में फैक्ट्री अधिनियम 1948 और महाराष्ट्र दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम 2017 में बदलाव को हरी झंडी दी गई। संशोधनों के तहत फैक्ट्री अधिनियम 1948 में कार्य समय को रोजाना 9 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया गया है, जबकि साप्ताहिक कार्य अवधि 10.5 घंटे से बढ़कर 12 घंटे कर दी गई। ओवरटाइम सीमा 115 घंटे प्रति तिमाही से बढ़ाकर 144 घंटे प्रति तिमाही कर दी गई है। इसके अलावा, आराम की अवधि में संशोधन करते हुए अब 5 घंटे बाद 30 मिनट के बजाय 6 घंटे बाद 30 मिनट का ब्रेक मिलेगा। ओवरटाइम कार्य केवल कामगार की लिखित सहमति से ही कराया जा सकेगा और इसके लिए दोगुना वेतन देना अनिवार्य होगा। दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम 2017 में भी अहम बदलाव किए गए हैं। अब 20 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों में रोजाना कार्य समय 9 घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे कर दिया गया है। आपातकालीन कार्य अवधि 10.5 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दी गई है और ओवरटाइम सीमा 125 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे कर दी गई है। वहीं, 20 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को अब लाइसेंस प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी; वे केवल सूचना देकर व्यवसाय शुरू कर सकेंगे। सरकार का दावा है कि इन संशोधनों से उद्योगों को निर्बाध संचालन में सुविधा मिलेगी और कामगारों को वैधानिक सुरक्षा के साथ उचित वेतन और अतिरिक्त आय के अवसर उपलब्ध होंगे। सरकार का यह भी कहना है कि इन कदमों से महिलाओं सहित सभी कर्मचारियों के लिए एक बेहतर और सुव्यवस्थित कार्य वातावरण तैयार होगा, जिससे लंबे समय से चली आ रही कई समस्याओं का समाधान संभव होगा।