
वी बी माणिक
मुंबई। पश्चिम रेलवे की लोकल ट्रेनों में अवैध रूप से पोस्टर लगाने वालों के खिलाफ रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ़) ने कड़ी कार्रवाई करते हुए बड़ी मात्रा में पोस्टर जब्त किए हैं। 18 नवंबर को आरपीएफ की विशेष टीम ने नायगांव स्टेशन पर छापेमारी कर करीब 60,000 अवैध पोस्टर जब्त किए और पाँच आरोपियों को हिरासत में लिया। स्पेशल ऑपरेशन का नेतृत्व उपनिरीक्षक संतोष कुमार सोनी ने किया। टीम में एएसआई शीतला सिंह और अन्य आरपीएफ कर्मी शामिल थे। पकड़े गए आरोपियों में अभिषेक पांडेय, धर्मराज पांडेय, रितिक कलवर, अमित प्रजापति और रितेश विश्नोई शामिल हैं। यह सभी लोकल गाड़ियों में अवैध रूप से पोस्टर चिपकाते हुए रंगे हाथ पकड़े गए। पहले भी उपनिरीक्षक संतोष सोनी ने ऐसे कई मामलों में सख्त कार्रवाई की है। मुंबई सेंट्रल और भायंदर स्टेशन पर भी अवैध पोस्टर चिपकाने वालों को पकड़कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था, जहां उन पर जुर्माना लगाने के साथ जेल भेजने की कार्रवाई भी हुई। यह ऑपरेशन पश्चिम रेलवे मुंबई मंडल के सीनियर डीएससी के निर्देश पर चलाया जा रहा है।
सोनी की लगातार कार्रवाई से पश्चिम रेलवे रूट पर अवैध पोस्टर लगाने वालों और हॉकरों में डर बना हुआ है। दूसरी तरफ मध्य रेलवे में स्थिति बिल्कुल विपरीत बताई जा रही है। यात्रियों के अनुसार, मध्य रेलवे रूट पर हॉकर खुलेआम न केवल लोकल ट्रेनों में, बल्कि मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में भी सामान बेचते नजर आते हैं। आरोप है कि मध्य रेलवे में कई हॉकर आरपीएफ के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से प्लैटफ़ॉर्म और ट्रेनों में सक्रिय रहते हैं। सूत्रों के अनुसार, सीएसएमटी स्टेशन पर “कल्लू” नाम का एक हॉकर शाम के समय प्लेटफॉर्म नंबर 8 से 18 के बीच बिरयानी, पानी, समोसा और वड़ा पाव बेचता है। यात्रियों का आरोप है कि इस पूरे नेटवर्क में कुछ जवानों की सांठगांठ होने के कारण अवैध गतिविधियाँ लगातार बढ़ रही हैं। यात्रियों का कहना है कि पश्चिम रेलवे की तरह मध्य रेलवे पर भी इसी प्रकार की सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि अवैध गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सके।




