Wednesday, November 19, 2025
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सुखद यादों का सुनहरा एहसास है मायका

डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद
मायका… कहते हैं कि माँ के होने से मायका होता है, माँ नहीं तो मायका भी नहीं। मायका सिर्फ एक घर का नाम नहीं,यह एक ऐसा एहसास है, जिसका ज़िक्र आते ही बेटी की आँखें नम हो जाती हैं। यह वह दुनिया है जहाँ उसकी जड़ें होती हैं, जहाँ उसका बचपन पला-बढ़ा, जहाँ उसकी पहली हँसी, पहली शरारतें, पहले सपने और पहले एहसास आकार लेते हैं। मायका वह कोमल सा बगीचा है जिसकी मिट्टी में हर बेटी की ज़िंदगी की पहली ख़ुशबू बसती है। घर की दहलीज़ पर माँ की पुकार, पिता की शांत-सी छाया, भाई-बहनों की मीठी तकरार,सब मिलकर मायके को एक अनमोल एहसास बना देते हैं, एक ऐसा एहसास जो उम्र के किसी भी मोड़ पर दिल को सुकून देता है। चाहे दुनिया कितनी ही बदल जाए, मायके की रसोई की महक, आँगन में रखी पुरानी चारपाई, या वह कमरा जहाँ बैठकर बेटी ने ख़्वाबों के रंग भरे,ये सब यादों की शम्मा बनकर ज़िंदगी भर रोशनी देते रहते हैं।
शादी के बाद मायके का अर्थ और भी गहरा हो जाता है। लड़की नए रिश्तों और ज़िम्मेदारियों को निभाते हुए जब मायके की दहलीज़ पर लौटती है तो माँ की गोद में सिर रखकर उसका मन पलक झपकते ही हल्का हो जाता है। मायका उसके लिए एहसासों का वह दवाखाना बन जाता है जहाँ न किसी सफाई की ज़रूरत होती है, न किसी दिखावे की सिर्फ अपनापन, सिर्फ प्रेम। तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में मायका भावनात्मक सहारा भी है और मानसिक सुकून का माध्यम भी। कठिनाइयों, उलझनों और थकान के बीच मायके का एक फ़ोन कॉल भी बेटी को यह भरोसा दे देता है कि “तुम अकेली नहीं हो।” माँ-बाप का घर उसके लिए हमेशा वह ताक़त रहता है जहाँ वह फिर से खुद को पा सकती है। समय के साथ बेटियाँ दूर चली जाती हैं, पर मायका कभी दूर नहीं होता। यह उसे तब भी सँभालता है जब जीवन की राहों में वह डगमगा जाती है, और तब भी साथ देता है जब वह नई ऊँचाइयाँ छू रही होती है। इसलिए मायका सिर्फ एक घर नहीं एक भावनात्मक धरोहर, एक सहज सुरक्षा, एक ऐसा रिश्ता है जिसे शब्दों में बाँधना मुश्किल है। आज यह लेख लिखते वक़्त मेरी भी आँखें भीग गईं। मेरा मायका है, मगर माँ नहीं… वालिद साहब नहीं। भाई, भाभियाँ, भतीजे-भतीजियाँ सब हैं, फिर भी माँ की कमी बेपनाह खलती है। जब माँ थीं, हर दूसरे महीने उनसे मिलने चली जाती थी। लेकिन अब जब वो नहीं हैं, एक साल होने को आया,मैं अपने मायके नहीं गई। सच ही कहा है मायका माँ से ही होता है। उसके जैसी मुहब्बत कोई नहीं कर सकता, न उसकी जगह कोई ले सकता है। रब से बस यही दुआ है कि हर बेटी की माँ सलामत रहे, और उसका मायका हमेशा महफ़ूज़ रहे।

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