
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को अपने परिवार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह भेंट न केवल व्यक्तिगत सौहार्द का प्रदर्शन थी, बल्कि केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन- जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा शामिल हैं की एकजुटता का राजनीतिक संकेत भी मानी जा रही है। प्रधानमंत्री से मुलाकात के कुछ घंटे बाद ही शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी भेंट की थी, जिसमें उन्होंने यह स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनाव महायुति मिलकर लड़ेगी।
शिंदे ने मुलाकात के बाद जारी एक बयान में कहा कि आगामी 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में उनका शिवसेना गुट एनडीए प्रत्याशी को बिना शर्त समर्थन देगा। यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के कारण आवश्यक हो गया है। शिंदे ने कहा, “हमारी पार्टी एनडीए के साथ मजबूती से खड़ी है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ चर्चा के दौरान शिंदे ने अमित शाह के भारत के सबसे लंबे कार्यकाल वाले गृह मंत्री बनने की उपलब्धि का उल्लेख किया और बताया कि उनकी पार्टी के सांसदों ने इस अवसर पर शाह को बधाई भी दी। शाह के नेतृत्व की सराहना करते हुए शिंदे ने कहा कि उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाकर बाल ठाकरे के सपने को साकार किया और आतंकवाद व नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक भूमिका निभाई है। शिंदे ने कहा, “सहकारी विकास से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा तक, शाह का योगदान अनुकरणीय रहा है। हालाँकि दिल्ली दौरे को लेकर शिंदे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच मतभेद की अटकलें फिर से जोर पकड़ने लगीं, लेकिन शिंदे ने इन्हें सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “हमारे संबंधों में कोई तनाव नहीं है। हम महाराष्ट्र के विकास के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।” इस तरह शिंदे ने महायुति के भीतर किसी भी अंतर्विरोध की संभावना से इनकार किया और सरकार की स्थिरता का संदेश देने का प्रयास किया।