Tuesday, August 5, 2025
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महाराष्ट्र कैबिनेट ने स्टार्टअप, उद्यमिता और नवाचार नीति 2025 को दी मंज़ूरी, अगले 5 वर्षों में 50,000 स्टार्टअप्स और 1.25 लाख उद्यमियों का लक्ष्य

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में राज्य की नई स्टार्टअप, उद्यमिता और नवाचार नीति 2025 को मंज़ूरी दे दी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अगले पांच वर्षों में राज्य में 50,000 से अधिक स्टार्टअप्स की स्थापना और 1.25 लाख उद्यमियों को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इस नीति का उद्देश्य राज्य को न केवल देश में, बल्कि वैश्विक स्तर पर स्टार्टअप्स और नवाचार के लिए एक अग्रणी केंद्र बनाना है। राज्य में पहले से ही देश के कुल स्टार्टअप्स का 18 प्रतिशत हिस्सा है और 31 मई 2025 तक महाराष्ट्र में 29,147 स्टार्टअप्स पंजीकृत हैं। नई नीति इन्हीं प्रयासों को और संस्थागत रूप देने की दिशा में एक व्यापक पहल है, जो विशेष रूप से महिलाओं, युवाओं और ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देने पर केंद्रित है। नीति का एक प्रमुख पहलू “मुख्यमंत्री महा-कोष” है, जिसकी राशि 500 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। इसके ज़रिए 25,000 शुरुआती स्टार्टअप्स को मार्गदर्शन, इनक्यूबेशन और वित्तीय सहायता दी जाएगी। राज्य के आईटीआई, पॉलिटेक्निक और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में माइक्रो इनक्यूबेटर स्थापित किए जाएँगे। इसके साथ ही, प्रत्येक प्रशासनिक प्रभाग में क्षेत्रीय नवाचार और उद्यमिता केंद्र बनाए जाएँगे, जो एआई, डीपटेक, फिनटेक, मेडटेक, साइबर सुरक्षा और हरित प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित होंगे। राज्य सरकार एक “महाराष्ट्र इनोवेशन सिटी” की भी स्थापना करेगी, जो 300 एकड़ में फैली होगी और स्टार्टअप्स, कॉर्पोरेट, शैक्षणिक संस्थान और सरकारी एजेंसियों को एक साथ लाकर नवाचार का केंद्र बनेगी। इसके अतिरिक्त, “महाराष्ट्र स्टार्टअप सप्ताह” के अंतर्गत चयनित स्टार्टअप्स को राज्य सरकार के विभागों के साथ सीधे कार्य करने का अवसर मिलेगा और उन्हें 25 लाख रुपये तक के पायलट प्रोजेक्ट दिए जाएँगे। नीति के तहत स्टार्टअप्स को पेटेंट पंजीकरण, गुणवत्ता प्रमाणन, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों में भागीदारी और विश्वसनीय संस्थानों से मिले कार्य आदेशों पर ऋण सहायता की सुविधा भी दी जाएगी। हर विभाग को अपने वार्षिक बजट का कम से कम 0.5 प्रतिशत नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु आरक्षित रखना अनिवार्य किया गया है। इस पूरी नीति का क्रियान्वयन महाराष्ट्र राज्य नवाचार सोसाइटी के माध्यम से होगा, जिसे 2017 में स्थापित किया गया था। अब इसे और सशक्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री इस सोसाइटी की आम सभा के अध्यक्ष होंगे, जिसमें विभिन्न विभागों के सचिव, उद्योग संगठन और विशेषज्ञ सदस्य होंगे। नीति का उद्देश्य AI, फिनटेक, एग्रीटेक, सेमीकंडक्टर, बायोटेक, स्पेसटेक, ब्लॉकचेन, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे उच्च संभावनाशील क्षेत्रों में राज्य को अग्रणी बनाना है। नई नीति की रूपरेखा नागरिकों, स्टार्टअप्स, निवेशकों, इनक्यूबेटर्स और शिक्षाविदों से प्राप्त सुझावों के आधार पर तैयार की गई है। इसके ज़रिए न केवल महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, बल्कि युवाओं को रोजगार और नवाचार आधारित भविष्य का रास्ता भी खुलेगा।

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