मुंबई। महाराष्ट्र सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड को 10 करोड़ रुपये आवंटित करने का निर्णय विवाद का कारण बन गया, और बाद में इसे वापस ले लिया गया। यह फंडिंग अल्पसंख्यक समुदाय के विकास और कल्याण के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान की जानी थी, जैसा कि राज्य के अल्पसंख्यक विभाग द्वारा घोषित किया गया था। हालांकि, कार्यवाहक सरकार के दौरान इस तरह के निर्णय की उपयुक्तता पर आलोचना के बाद सरकार ने इस आवंटन को वापस लेने का फैसला किया। सरकारी अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय प्रशासनिक स्तर पर लिया गया था, और कार्यवाहक सरकार के दौरान नीतिगत निर्णय नहीं लिए जाने चाहिए। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट करके स्थिति पर टिप्पणी की और कहा कि मुख्य सचिव ने तुरंत सरकारी आदेश (जीआर) को रद्द कर दिया, क्योंकि कार्यवाहक सरकार के दौरान इस तरह का आदेश जारी करना अनुचित था। फडणवीस ने यह भी बताया कि नई सरकार आने के बाद इस निर्णय की पूरी तरह से जांच की जाएगी। अब यह स्पष्ट हुआ है कि वक्फ बोर्ड के लिए धनराशि आवंटित करने वाला जीआर एक प्रशासनिक त्रुटि के कारण जारी किया गया था, और इस वजह से इसे तुरंत वापस लिया गया। इस घटनाक्रम ने राज्य में राजनीतिक बहस को और तेज कर दिया है, और कई समूह कार्यवाहक सरकार के दौरान शासन और निर्णय लेने की प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं।