
मुंबई। बाढ़ और भारी बारिश से तबाह हुए किसानों को बड़ी राहत देते हुए महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने घोषणा की है कि कटावग्रस्त कृषि भूमि की बहाली के लिए आवश्यक मिट्टी, गाद, मुरुम और बजरी किसानों को पूरी तरह निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए राजस्व विभाग ने शुक्रवार को एक आधिकारिक परिपत्र जारी कर सभी जिलों में तत्काल प्रभाव से इसे लागू करने के निर्देश दिए हैं। बावनकुले ने बताया कि कई जिलों में बाढ़ और मृदा कटाव के कारण खेतों की उपजाऊ परत पूरी तरह बह गई है, जिससे बड़ी संख्या में खेत खेती योग्य नहीं रह गए। अत्यधिक गाद जमाव, मिट्टी के कटाव और उर्वरता के नुकसान के कारण किसान गंभीर संकट में हैं। ऐसे में, मुफ्त में उपलब्ध कराए जाने वाले इन लघु खनिजों से न सिर्फ खेतों को दोबारा समतल किया जा सकेगा, बल्कि उनकी उत्पादकता भी वापस लाई जा सकेगी। राजस्व मंत्री ने सभी जिला कलेक्टरों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि रॉयल्टी छूट का सही और पारदर्शी तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए, ताकि हर प्रभावित किसान को बिना शुल्क के आवश्यक सामग्री मिल सके। बाढ़ के दौरान राज्य में फसलों के साथ-साथ बड़ी मात्रा में जन और पशुधन की भी क्षति हुई, और कई खेत पूरी तरह उजड़कर ऊबड़-खाबड़ हो गए। ऐसे खेतों को फिर से खेती योग्य बनाने में यह निर्णय अहम साबित होगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित व्यक्तियों को घरों, पशुशालाओं, कुओं और खेतों की मरम्मत के लिए पाँच ब्रास तक के लघु खनिजों का उपयोग बिना किसी रॉयल्टी के करने की अनुमति दी गई है। बावनकुले ने कहा कि यह कदम सीधे किसानों के हित में उठाया गया है, ताकि वे बिना अतिरिक्त आर्थिक बोझ के अपनी जिंदगी और खेती दोनों को फिर से पटरी पर ला सकें।




