
मुंबई। महाराष्ट्र में बढ़ती अवैध रेत तस्करी और रेत माफियाओं की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार एक व्यापक रेत नीति तैयार कर रही है। यह जानकारी राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने विधान परिषद में दी। विपक्ष के नेता अंबादास दानवे द्वारा उठाए गए प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री बावनकुले ने घोषणा की कि रेत माफियाओं और तस्करों को कोई संरक्षण नहीं मिलेगा। गोदावरी घाटी में हो रही अवैध रेत निकासी की जांच सात दिनों में पूरी कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नई रेत नीति के तहत एम-सैंड (क्रशर से निर्मित रेत) के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रत्येक जिले में 50 से 100 रेत क्रशर लगाने की योजना है, जिससे रेत की आपूर्ति और मांग के बीच असमानता दूर होगी और रेत माफियाओं पर स्वतः नियंत्रण स्थापित होगा। राजस्व और पुलिस अधिकारियों को समान अधिकार देने के साथ ही जनता के सुझाव भी नीति में शामिल किए गए हैं। इसके अलावा, रत्नागिरी और रायगढ़ जिलों में सक्शन पंप से की जा रही रेत निकासी की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। सातारा जिले के खटाव मामले की जांच भी सात दिनों में पूरी कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस चर्चा में प्रवीण दरेकर, शशिकांत शिंदे और एकनाथ खडसे जैसे सदस्य भी शामिल रहे।