नांदेड। महाराष्ट्र सरकार ने अगले पांच वर्षों में महानुभाव पंथ के सभी प्रमुख श्रद्धास्थलों के विकास का संकल्प लिया है। कुछ स्थानों पर विकास कार्य शुरू हो गया है और अन्य स्थानों पर जल्द ही काम शुरू होगा, ऐसा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज यहां कहा। नांदेड जिले के हदगाव स्थित श्री.गुरुवर्य बापू नगर परिसर में श्रीकृष्ण देव उखळाई मंदिर के नवपर्व और कलशारोहण समारोह में उद्घाटनकर्ता के रूप में वह उपस्थित थे। इस समारोह में मराठवाड़ा, विदर्भ और महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों के महानुभाव पंथ के मठाधिपतियों सहित हजारों की संख्या में महानुभाव पंथीय उपस्थित हुए। वैराग्यमूर्ती मठाधिपती महंत श्री.योगी बापू ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। माहूर पीठाध्यक्ष कवीश्वराचार्य माहुरकर बाबा भी इस धर्मपीठ पर विराजमान थे। विभिन्न स्थानों के मठाधिपतियों ने मुख्यमंत्री फडणवीस को महानुभाव पंथ के लिए उनके प्रयासों को ध्यान में रखते हुए सम्मानित किया। मुख्यमंत्री फडणवीस ने सबसे पहले चक्रधर स्वामी को प्रणाम किया। धर्मपीठ पर बोलते हुए उन्होंने याद दिलाया कि सभी ज्ञानी चक्रधर स्वामी और उनके अनुयायियों ने विपरीत परिस्थितियों में धर्म की रक्षा के कार्य किए। महानुभाव पंथीयों के कार्यों की सराहना की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक जहां भी महानुभाव पंथ के मंदिर हैं, वहां विकास कार्य किए हैं। रिद्धपुर का पांचाळेश्वर, जाळी का देव, गोविंद प्रभू देवस्थान जैसे अनेक स्थलों पर संरक्षण कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने के लिए चर्चा के माध्यम से समाधान निकालकर विकास कार्य किए जाएंगे। सरकार अच्छे कामों के लिए मजबूती से समर्थन देगी। इस अवसर पर उन्होंने महानुभाव पंथीयों के ग्रंथ प्रेम और धर्म साहित्य निर्माण की कड़ी मेहनत की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मराठी भाषा को अभिजात भाषाई दर्जा मिला है, जिसमें महानुभाव साहित्य का बड़ा योगदान है। महाराष्ट्र में न केवल देश के विभिन्न कोनों में बल्कि अफगानिस्तान तक महानुभाव पंथ पहुंच चुका है। आज इतना बड़ा संप्रदाय समानता के आधार पर काम कर रहा है। इस परंपरा को आगे बढ़ाना आवश्यक है, ऐसा उन्होंने धर्मपीठ पर उपस्थित सभी मान्यवरों को सम्मानित करते समय स्पष्ट किया। इससे पहले मुख्यमंत्री फडणवीस ने जीर्णोद्धार किए गए उखलाई माय मंदिर में जाकर दर्शन किए। आज ही इस स्थान पर संत महात्माओं की उपस्थिति में कलशारोहण हुआ। यह मंदिर पांच सौ वर्ष पुराना माना जाता है। इस कार्यक्रम में बाळासाहेब ठाकरे हरीद्रा शोध केंद्र के अध्यक्ष विधायक हेमंत पाटील, हिंगोली के सांसद नागेश पाटील आष्टीकर, विधायक भीमराव केराम, विधायक आनंद पाटील बोंढारकर, तथा अन्य मान्यवर उपस्थित थे।