
पुणे। वन मंत्री गणेश नाईक ने बुधवार को पिंपरखेड क्षेत्र में बढ़ते तेंदुआ संकट को देखते हुए सभी तेंदुओं को पकड़ने के लिए पिंजरे उपलब्ध कराने की घोषणा की। मंत्री ने स्पष्ट किया कि पकड़े गए किसी भी तेंदुए को इस क्षेत्र में दोबारा नहीं छोड़ा जाएगा; उन्हें गुजरात के वंतारा में स्थानांतरित किया जाएगा और संभावनानुसार, अफ्रीकी देशों में भेजा जाएगा, जहां तेंदुओं की कमी है। पिछले महीने पिंपरखेड में तेंदुओं के हमले में तीन लोगों – शिवन्या बॉम्बे, भागुबाई थोरात और रोहन बॉम्बे की मौत हुई थी। इस घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने आक्रामक विरोध किया और वन मंत्री से घटनास्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लेने की मांग की। वन मंत्री नाईक ने मृतक परिवारों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी और कहा, “ग्रामीणों ने सड़क जाम की और वन विभाग के वाहन जलाए, यह स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी। इसलिए, उस मामले में दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि तेंदुओं की संख्या पुणे और अहमदनगर जिलों में तेजी से बढ़ रही है और समय रहते नियंत्रण न पाया गया तो मानव जीवन खतरे में पड़ सकता है। इसके लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार से अनुमति लेकर ठोस निर्णय लेगी। मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि तेंदुआ हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को रोजगार देने के प्रयास किए जाएंगे। इस अवसर पर शिरूर के पूर्व विधायक पोपटराव गावड़े, जुन्नार के उप वन संरक्षक प्रशांत खाड़े, उपविभागीय पुलिस अधिकारी प्रशांत ढोले, सहायक वन संरक्षक स्मिता राजहंस, तहसीलदार बालासाहेब म्हस्के, पुलिस निरीक्षक संदेश केंजले, भीमाशंकर सहकारी चीनी कारखाने के अध्यक्ष बालासाहेब बेंडे, पूर्व अध्यक्ष देवदत्त निकम, पूर्व जिला परिषद सदस्य आशा बुचके, पंचायत समिति के डॉ. सुभाष पोकले, राकांपा जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र गावड़े और अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री की पहल से यह क्षेत्र अब तेंदुओं के सुरक्षित प्रबंधन और स्थानीय निवासियों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से संवेदनशील रूप से निगरानी में रखा जाएगा।




