
अहिल्यानगर। कोपरगांव तालुका में तेंदुए के दो अलग-अलग हमलों ने लोगों में भय और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है। येसगांव में हुए हमले में एक महिला की मौत हो गई, जबकि सुरेगांव में ग्रामीणों की सूझबूझ से दूसरी महिला की जान बचाई जा सकी। चार दिन पहले हुई एक बच्ची की मौत के बाद यह तीसरी गंभीर घटना है, जिससे तालुका में दहशत व्याप्त है। पहली घटना मंगलवार सुबह येसगांव के भाकरे बस्ती इलाके में हुई। शांताबाई अहिलाजी निकोले (उम्र 50) खेत में चारा काट रही थीं, तभी अचानक तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया। हमला इतना अचानक और तेज़ था कि उन्हें भागने या मदद के लिए पुकारने का मौका नहीं मिला। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि शांताबाई की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की खबर फैलते ही इलाके में हड़कंप मच गया और ग्रामीणों ने नगर–मनमाड राजमार्ग पर भास्कर बस्ती के पास सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। भीड़ ने वन विभाग की लापरवाही पर तीखी नाराजगी जताई और तत्काल कार्रवाई की मांग की। दूसरी घटना सुरेगांव ग्राम पंचायत क्षेत्र में हुई। यहां अनिल वाबले के खेत में कपास तोड़ रही एक महिला पर तेंदुए ने झपट्टा मारा, लेकिन साथ मौजूद अन्य महिलाओं के शोर मचाने पर तेंदुआ भाग गया और महिला सुरक्षित बच गई। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से तेंदुए के दिखने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन वन विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इसी इलाके के टाकली शिवरा में चार दिन पहले एक मजदूर की तीन साल की बेटी की तेंदुए के हमले में मौत हो चुकी है। लगातार तीन गंभीर घटनाओं ने कोपरगांव तालुका में दहशत फैला दी है।
आदमखोर तेंदुओं को मारने की मंजूरी
घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए विधायक आशुतोष काले और पूर्व विधायक स्नेहलता कोल्हे ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार और वन मंत्री गणेश नाईक से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। इसके बाद मंत्रालय ने “आदमखोर तेंदुए” को पकड़ने और जरूरत पड़ने पर मारने की मंजूरी दे दी है। अब वन विभाग की विशेष टीमें- संगमनेर, राहुरी और कोपरगांव से घटनास्थलों पर डेरा डाल चुकी हैं और आसपास के क्षेत्रों में पिंजरे लगाए जा रहे हैं।
जनप्रतिनिधियों ने किया दौरा, परिवारों से की मुलाकात
विधायक काले और पूर्व विधायक कोल्हे ने येसगांव पहुँचकर मृतक के परिजनों से मुलाकात की और सांत्वना व्यक्त की। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से क्षेत्र को तेंदुआ प्रभावित क्षेत्र घोषित करने, रात्रि गश्त बढ़ाने और वन्यजीवों की निगरानी के लिए ड्रोन सर्विलांस शुरू करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक तेंदुओं को पकड़ा या मारा नहीं जाता, वे रात में खेतों में जाने से डर रहे हैं। फिलहाल पूरे कोपरगांव तालुका में भय का माहौल है और लोग प्रशासन से त्वरित और ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।




