
पणजी। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बुधवार को घोषणा की कि डाक विभाग ने गोवा में ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) पदों पर भर्ती के लिए अब कोंकणी भाषा में दक्षता को अनिवार्य कर दिया है। यह फैसला गोवा के युवाओं को प्राथमिकता देने और स्थानीय भाषा के संरक्षण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लिया गया है। मुख्यमंत्री सावंत ने दिन में गोवा क्षेत्र के डाक सेवा निदेशक रमेश पाटिल से मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें डाक विभाग द्वारा जीडीएस भर्ती शर्तों में संशोधन को मंजूरी दिए जाने की जानकारी दी। सावंत ने इस निर्णय की जानकारी एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से साझा करते हुए कहा- संशोधित नीति के तहत गोवा में ग्रामीण डाक सेवक पदों के लिए कोंकणी भाषा में दक्षता अनिवार्य कर दी गई है। भर्ती प्रक्रिया में कोंकणी और मराठी दोनों भाषाओं को स्थानीय भाषा के रूप में मान्यता दी गई है। दसवीं कक्षा तक कोंकणी या मराठी पढ़ने वाले उम्मीदवार पात्र होंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि मराठी माध्यम से पढ़ाई करने वाले अभ्यर्थियों को कोंकणी भाषा में दक्षता प्रदर्शित करनी होगी। उन्होंने कहा कि इस नीति बदलाव से गोवा के स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता मिलेगी, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य में डाक सेवाओं की गुणवत्ता व पहुंच में सुधार होगा। सावंत ने इसे “गोवा की भाषाई और सांस्कृतिक पहचान को सशक्त करने वाला कदम” बताते हुए कहा कि यह निर्णय न केवल स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि ग्रामीण गोवा में सरकारी सेवाओं को भी अधिक सुलभ बनाएगा।




