
पुणे। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कोंढवा पुलिस स्टेशन में तैनात पुलिस कांस्टेबल को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। आरोपी कांस्टेबल ने बिजली चोरी के एक मामले में गिरफ्तारी से बचाने के बदले 5,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। मिली जानकारी के अनुसार, शेवालवाड़ी (हवेली) निवासी 34 वर्षीय कांस्टेबल सोमनाथ बापू महारन ने यह रिश्वत उरुली देवाची (हवेली) के 59 वर्षीय सेवानिवृत्त पुलिस उपनिरीक्षक युवराज कृष्ण फरंडे की मिलीभगत से मांगी थी। मामला तब सामने आया जब एक किरायेदार और उसके मकान मालिक बिजली चोरी के आरोप में फंसे हुए थे। आरोप है कि कांस्टेबल महारन ने किरायेदार को गिरफ्तारी से बचाने के लिए पहले मकान मालिक से 5,000 रुपये की मांग की। मकान मालिक द्वारा राशि देने के बाद, महारन ने किरायेदार से भी वही रकम मांगी। इस पूरी रिश्वतखोरी में फरंडे ने फोन पर मध्यस्थ की भूमिका निभाई। किरायेदार ने एसीबी से शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद टीम ने जांच के दौरान रिश्वत की मांग की पुष्टि की और सोमवार को कोंढवा पुलिस स्टेशन के बाहर जाल बिछाया। एसीबी की कार्रवाई में दोनों आरोपी- महारन और फरंडे को रंगे हाथों पकड़ लिया गया। इस संबंध में दोनों के खिलाफ कोंढवा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई पुलिस उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक शिरीष सरदेशपांडे, पुलिस अधीक्षक अजीत पाटिल और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अर्जुन भोसले के मार्गदर्शन में की गई। गौरतलब है कि पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि वरिष्ठ अधिकारी अपनी निगरानी में होने वाली किसी भी अवैध गतिविधि के लिए जिम्मेदार ठहराए जाएंगे। इस घटना के बाद तत्काल प्रभाव से संबंधित अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है।