
मुंबई। मुंबई में एक नाटकीय मोड़ लेते हुए, क्राइम ब्रांच ने एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्कर साजिद इलेक्ट्रिकवाला को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से कानपुर से सुरक्षित मुक्त कराया है। यह अपहरण कथित रूप से एमडी ड्रग तस्करी के एक वित्तीय विवाद के चलते किया गया था, और इसमें हत्या की आशंका भी जताई गई थी। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि मुख्य साजिशकर्ता सरवर खान फरार है। जांच में सामने आया है कि अपहरण की योजना अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा शकील के भाई के इशारे पर रची गई थी, और इस पर अमल गैंगस्टर सरवर खान द्वारा किया गया। साजिद के साथ एक एस्टेट एजेंट को भी अगवा किया गया था। आरोप है कि सात से आठ लोगों के गिरोह ने उन्हें मुंबई के पश्चिमी उपनगर से उठाया और कई अज्ञात स्थानों पर ले जाकर बुरी तरह से पीटा। घटना की सूचना मिलते ही ओशिवारा पुलिस स्टेशन में गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज कर मुंबई क्राइम ब्रांच की एक विशेष टीम गठित की गई। जांचकर्ताओं को इस बात की आशंका थी कि पीड़ितों की हत्या की जा सकती है, इसलिए तलाशी अभियान में तेजी लाई गई। तकनीकी निगरानी और खुफिया सूचना के आधार पर टीम को कानपुर में पीड़ित की लोकेशन का सुराग मिला, जहां से उसे सुरक्षित बरामद कर लिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, साजिद इलेक्ट्रिकवाला को पहले 2015 में एटीएस द्वारा करोड़ों रुपये के एमडी ड्रग मामले में गिरफ्तार किया गया था। जेल में रहते हुए उसकी मुलाकात कुख्यात अपराधी हरीश मांडविलकर से हुई, जिसने कथित तौर पर उसे सलाखों के पीछे से मदद की थी। मांडविलकर खुद मटका किंग रतन खत्री की हत्या में नामजद आरोपी है। फिलहाल, मुख्य आरोपी सरवर खान फरार है और पुलिस उसके ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही है। अधिकारियों का मानना है कि यह मामला सिर्फ अपहरण नहीं बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट के अंदरुनी टकराव का परिणाम है, जिसे व्यापक स्तर पर सुलझाने की आवश्यकता है। मुंबई पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश और पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में काम कर रही है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय तस्करी, अंडरवर्ल्ड कनेक्शन और संगठित अपराध की कई कड़ियां जुड़ी हुई हैं।