मुंबई। जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ने धन शोधन मामले में चिकित्सकीय आधार पर जमानत देने के अनुरोध के साथ उच्च न्यायालय का रुख किया है। उनका कहना है कि वह और उनकी पत्नी, दोनों ही अंतिम चरण में पहुंच चुके कैंसर से जूझ रहे हैं। न्यायमूर्ति एन जे जामदार की एकल पीठ ने मंगलवार को कहा कि वह याचिका पर तीन मई को सुनवाई करेगी। गोयल ने अपनी याचिका में कहा कि उनकी और उनकी पत्नी की चिकित्सकीय हालत ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाला है और एक मनोवैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार, वह गंभीर अवसाद से पीड़ित हैं। याचिका में कहा गया है, रिपोर्ट के अनुसार, गोयल गंभीर रूप से अवसाद में हैं और भविष्य के प्रति भयभीत हैं, उनके मन में आत्महत्या के विचार आ रहे हैं और इस्तीफे की भावना है। याचिका में कहा गया है कि वर्तमान स्थिति में गोयल को अपनी पत्नी के साथ रहने की अनुमति नहीं देना बुनियादी मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में, जब वे दोनों जीवन-घातक परिस्थितियों से जूझ रहे हैं, उन्हें (गोयल और उनकी पत्नी को) एक-दूसरे के प्राथमिक देखभालकर्ता के रूप में एक-दूसरे की सहायता करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसमें कहा गया है कि गोयल की वर्तमान में कीमोथेरेपी चल रही है जिसके बाद उन्हें स्वच्छ और साफ-सुथरे वातावरण की आवश्यकता होगी, इसलिए उन्हें वापस जेल नहीं भेजा जा सकता। याचिका में कहा गया है कि विशेष अदालत ने उन्हें (गोयल को) जमानत देने से इनकार करने के दौरान इस आधार पर कार्रवाई की है उनका केवल अस्पताल में भर्ती होना पर्याप्त होगा, लेकिन अदालत ने उपचार के बाद की स्थिति की आवश्यकता और उनकी पत्नी की गंभीर स्थिति को नहीं समझा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन करने और केनरा बैंक द्वारा कर्ज के रूप में जेट एयरवेज को दिये गये 538.62 करोड़ रुपये में धांधली करने के आरोप में गोयल को सितंबर, 2023 में गिरफ्तार किया था। ईडी की ओर से इस मामले में आरोपपत्र दाखिल करने पर गोयल की पत्नी अनीता गोयल को नवंबर, 2023 में गिरफ्तार किया गया था। अनीता को उनकी उम्र और चिकित्सकीय स्थिति के आधार पर गिरफ्तारी के दिन ही विशेष अदालत ने जमानत दे दी थी। लेकिन विशेष अदालत ने नरेश गोयल को इस आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया था कि उन्हें उनकी पसंद के अस्पताल में इलाज मुहैया कराया जा रहा है।