
पुणे। भारतीय सेना से पांच दिन की छुट्टी पर घर आए 27 वर्षीय जवान सुभाष अनिल दाते का दिल का दौरा पड़ने से अचानक निधन हो गया। मूलतः अंबेगांव तालुका के पश्चिमी आदिवासी क्षेत्र के राजपुर गांव से ताल्लुक रखने वाले सुभाष जम्मू-कश्मीर में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) में ड्राइंग एस्टेब्लिशमेंट सुपरवाइज़र (DES) के पद पर कार्यरत थे। वे गरीब परिवार से थे और अपने मामा चंदू साधु लोहकरे तथा मां सुमन दाते के साथ राजपुर में रहते थे। सुभाष की प्रारंभिक शिक्षा राजपुर और शिवोंली में हुई, इसके बाद उन्होंने जुन्नेर तालुका के मानिकदोह से आईटीआई की पढ़ाई पूरी की। सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने का उनका सपना साकार हुआ और वे बीआरओ में शामिल हो गए। पिछले दो वर्षों से वे जम्मू-कश्मीर में सेवा दे रहे थे। हाल ही में उन्होंने आगामी परीक्षाओं की तैयारी के लिए पांच दिन की छुट्टी ली थी और राजपुर लौटे थे। बुधवार, 30 जुलाई की सुबह सुभाष को अचानक सीने में तेज़ दर्द हुआ। उनकी मां ने तुरंत पड़ोसी तुकाराम फाल्के की मदद से उन्हें तालेघर ग्रामीण अस्पताल पहुंचाया, जहाँ से उन्हें घोड़ेगांव रेफर किया गया। दुर्भाग्यवश, उपचार शुरू होने से पहले ही उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। उनके पार्थिव शरीर को मंचर में पोस्टमार्टम के बाद राजपुर लाया गया, जहाँ पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में हजारों ग्रामीण, रिश्तेदार और अधिकारी शामिल हुए। उपस्थित अधिकारियों में घोड़ेगांव पुलिस स्टेशन के पुलिस उप-निरीक्षक महेश पवार, नायब तहसीलदार शांताराम किर्वे, पुलिस पाटिल उत्तम वाघमारे, सतीश भोटे और पुणे ग्रामीण पुलिस के जवान भी शामिल थे जिन्होंने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। सुभाष दाते अपने शांत, सरल और मददगार स्वभाव के लिए जाने जाते थे। उनका असमय निधन पूरे गांव और आदिवासी समुदाय के लिए गहरा आघात बन गया है। कई ग्रामीणों की आंखों में अश्रुधारा बह निकली।