
पुणे। शहर में जैन बोर्डिंग की जमीन बिक्री के विवाद ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता और पूर्व विधायक रवींद्र धंगेकर ने इस प्रकरण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाते हुए सौदे को तुरंत रद्द करने और उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। धंगेकर ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर घोषणा की कि वह 27 अक्टूबर 2025 से जैन बोर्डिंग परिसर में अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन पर बैठेंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक सौदा रद्द नहीं किया जाता, आंदोलन जारी रहेगा और पुणेकर इसमें साथ देंगे। पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि इस जमीन सौदे से जुड़ी कंपनियां और व्यक्ति केंद्र में मंत्री मुरलीधर मोहोल से जुड़े हैं। उन्होंने कहा- यह पूरा सौदा केंद्रीय मंत्री के पद के प्रभाव में किया गया है। जब तक वे पद पर बने रहेंगे, निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। इसी आधार पर धंगेकर ने मोहोल के तत्काल इस्तीफे की मांग उठाई है।
प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और महाराष्ट्र सरकार को पत्र
धंगेकर ने प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय गृह एवं सहकार मंत्री, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को भी इस पत्र की प्रतियां भेजी हैं। उन्होंने सभी से इस सौदे पर दखल देने और अपने विशेषाधिकार का उपयोग करते हुए इसे निरस्त करने का आग्रह किया है। धंगेकर ने कहा कि यह मामला केवल जैन बोर्डिंग तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा- समाज की मंदिरों और देवस्थान की जमीनों पर कब्जा करने वाले संगठित गिरोह की यह बड़ी साजिश है। ऐसे गिरोहों पर सख्त कार्रवाई हो और इनके नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाए।
आस्था और पारदर्शिता के लिए संघर्ष जारी रहेगा
पूर्व विधायक ने जोर देकर कहा कि यह आंदोलन पुणे और समाज की आस्था की सुरक्षा का प्रश्न है। उन्होंने कहा- यह संघर्ष केवल एक संस्था के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज की पारदर्शिता और न्याय के लिए है। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।




