Monday, July 28, 2025
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इंदिरा जैसा सबक सिखाने का वक्त था’: लोकसभा में अरविंद सावंत का सरकार पर तीखा हमला, पूछा- ‘किसके कहने पर युद्ध रोका?

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के दौरान सोमवार को लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर हुई चर्चा के दौरान शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कई सवाल उठाए। मुंबई साउथ से सांसद सावंत ने भारतीय सेना के पराक्रम को सलाम करते हुए कहा कि यही वक्त था पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) लेने का, यही वक्त था पाकिस्तान को सबक सिखाने का। जैसे कभी इंदिरा गांधी ने सिखाया था। उन्होंने सरकार से सीधा सवाल किया। आपने किसके कहने पर युद्ध को रोका? सावंत ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान अगर युद्ध रोकने के लिए गिड़गिड़ा रहा था, तो उसे बिना शर्त युद्ध विराम क्यों दिया गया? शर्तें लगानी चाहिए थीं, लेकिन आपने क्या शर्तें लगाईं?– उन्होंने प्रश्न दागा। सावंत ने 18 जून को हुए पहलगाम आतंकी हमले की ओर इशारा करते हुए पूछा, जब वहां पर्यटक मौजूद थे, तब जवानों की तैनाती क्यों नहीं थी? उन्होंने कहा कि “जिन आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर छीना, वे आज तक नहीं पकड़े गए। क्या इससे आपके दिल में कुछ नहीं होता? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए सावंत बोले, आप बिहार में जाकर अंग्रेज़ी में भाषण देते हैं, लेकिन मणिपुर आज तक नहीं गए। पहलगाम भी नहीं गए। क्या दुख नहीं होता, दर्द नहीं होता, शर्म नहीं आती? सावंत ने आगे अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर चिंता जताई और कहा कि भारत के साथ युद्ध के समय कोई राष्ट्र खड़ा नहीं दिखा। उन्होंने कहा, ईरान, जो हमसे तेल देकर बाद में भुगतान लेता था, वह भी अब दूर हो गया है। चीन हमारी सीमा में घुस रहा है, पाकिस्तान को ड्रोन तुर्की से मिल रहे हैं, तीनों एक साथ हैं। लेकिन हमारे साथ एक भी राष्ट्र नहीं। ऑल पार्टी डेलीगेशन की विदेश यात्रा पर भी सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, “विदेश भेजे गए डेलीगेशन का वहां क्या सम्मान हुआ? क्या कोई ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई? कोई हमारे साथ क्यों नहीं खड़ा हुआ? उन्होंने निष्कर्ष देते हुए कहा, राष्ट्र की बात हो तो हम आपके साथ हैं, लेकिन यह सोचने की बात है कि आज हमारा कूटनीतिक और सामरिक रुख इतना कमजोर क्यों दिखता है। सावंत का यह बयान उस समय आया है जब सरकार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को बड़ी रणनीतिक सफलता के रूप में प्रस्तुत कर रही है, लेकिन विपक्ष इसमें अवसर गंवाने और रणनीतिक ढुलमुलपन के आरोप लगा रहा है।

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