Sunday, July 7, 2024
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नमामि गंगे परियोजना की शर्तो में ही सरकार का खोट?

वरिष्ठ लेखक- जितेंद्र पांडेय
कठिन तप करते पीढियां बीत गई तब कहीं राजा सगर के साठ हजार पुत्रो को तारने की भागीरथ कोशिश रंग लाई। ब्रह्मा के कामांडलू और विष्णु के अंगूठे से एक तीव्र धार आकाश से चली। हहराती धार अगर सीधे पृथ्वी पर गिरती तो इतने तीव्र प्रवाह की धार से पृथ्वी में आर पर छेद हो जाता। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए कैलाश पर्वत पर निवास करने वाले भगवान भोले नाथ की विनय कर मनाया गया। उन्होंने गंगा की धार को अपने ऊपर झेलने का निर्णय ले लिया। जैसे ही गंग धार शिव के सिर पर पड़ी उन्होंने झटपट अपनी जटाएं घुमाकर सिर पर बांध लीं। अब गंगा उनकी जटाओं में उमड़ घुमड़ करने लगीं। दूसरी समस्या आ गई। भोलेनाथ के सिर से गंगा मुक्त कैसे हों? पृथ्वी पर कैसे आएं? भागीरथ ने पुनः विनती की। तो अपनी जटा का एक बाल निचोड़ दिए। आगे आगे भागीरथ अश्व पर सवार,पीछे पीछे गंगा, सगर पुत्रों को तारती हुई गंगा सागर ने समुद्र से जा मिली। गंगा निर्मलीकरण के लिए बीस हजार करोड़ का ठेका मोदी ने अपने मित्र अदानी को दिया। उसकी शर्त में गंदे नाले के कारण गंगा मैली होने की बात नहीं थी जिस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, शर्त ही ऐसी थी कि ठेकेदार गंगा निर्मल किए बिना ही बीस करोड़ लेकर अपनी जेब में रख ले। हुआ यही। बीस करोड़ अडानी ने जेब में बिना कोई निर्मलीकरण किए भर लिया। कोर्ट ने राज्य प्रदूषण बोर्ड को भी आड़े हाथों लिया और कहा, बोर्ड केस दायर कर सकता था मगर किया नहीं। कैसे करता डबल इंजन की सरकार जो है? आज गंगा गंदे नाले का रूप ले चुकी है। जिसमें गुजरात वालों के स्टीमर चलकर पर्यटकों को लूटकर अपना घर भर रहे जिससे स्थानीय नौका वालों का परिवार बेरोजगार हो भूख से मरने को बाध्य कर दिया गया हैं। मोदी ठीक कहते हैं वे व्यापारी हैं।व्यापार करना उनका काम है। इसलिए सरकार को व्यापार केएस आधार बना दिया है।धरती आकाश और पाताल सब पर अडानी का कब्जा करा दिया है। गंगा मात्र दस प्रतिशत ही शुद्ध हुई हैं। बीस हजार करोड़ मुफ्त में पाकर अडानी मुस्कुरा रहे होंगे। काशी वासियों की मुस्कुराहट खत्म कर दी है मोदी ने। काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर भव्य बनाने में पचासों मंदिर तुड़वा दिया। हजारों घर दुकानें तुड़वाकर काशी के लोगों को भीख मांगने पर विवश कर दिया है। अभी भी सैकड़ों घर और दुकानें तोड़ी जाने वाली हैं जिससे काशी वासी नाराज हैं अपने एमपी से अपने पीएम से और पीएम को काशी वासियों की कोई चिंता ही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मोदी सरकार ने मनमाने ढंग से अयोध्या में राम मंदिर बनाने वाली कमेटी में सारे चोर लुटेरों को शामिल कर लिया। मंदिर निर्माण में भी जनता के हजारों करोड़ रुपए के घोटाले किए जा रहे। राम मंदिर के पुजारी के अनुसार राम मंदिर की छत से पानी भीतर टपक रहा है। अंदर पानी ही पानी भरा हुआ है मंदिर में। पानी निकासी के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है। मोदी सरकार और उनकी मित्र मंडली भगवान राम का ही व्यापार के लिए उपयोग कर रहे हैं। उनमें भगवान राम के प्रति न आस्था है न भक्ति। बस व्यापार ही लक्ष्य है। मंदिर निर्माण में ही नहीं अयोध्या रेलवे स्टेशन की बाउंड्री वॉल बनाने में भी घोटाला किया गया है। थोड़ी सी बरसात में बाउंड्री गिर गई। अधिक वर्षा होने पर अगर अयोध्या रेलवे स्टेशन भी पानी पानी होने लगे तो ताज्जुब नहीं होना चाहिए क्योंकि देश व्यापारी हाथों में चल रहा है जिसका लक्ष्य भ्रष्टाचार मुक्त भारत करना नहीं। सभी भ्रष्टाचारी नेताओं को बीजेपी में शामिल कर अपना कुनबा बढ़ाने में है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी की नैतिक और राजनीतिक हार हुई है। आज नीतीश कुमार और नायडू की वैसाखी पर सवार है। एनडीए के जो 240 सान सांसद चुनाव जीते हैं उनमें 120 सांसद पूर्व कांग्रेसी जीते हैं। उन सभी पूर्व कांग्रेसी सांसदों की कांग्रेस से बातचीत चल रही है। जिस दिन कांग्रेस हरी झंडी दिखा देगी उसी दिन मोदी सरकार गिर जायेगी।

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