
नागपुर। नागपुर स्थित मेडिट्रिना अस्पताल को बिना अग्निशमन विभाग की अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) के कार्यरत पाया गया है, और अस्पताल की इमारत निर्माण में भी कई अनियमितताएँ सामने आई हैं। इस गंभीर मामले पर संज्ञान लेते हुए, नागपुर जिले के संरक्षक मंत्री और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने नागपुर महानगरपालिका के उपायुक्त, चिकित्सा अधिकारी और नगर योजनाकार के खिलाफ जांच के निर्देश दिए हैं। यह जांच नगर विकास विभाग के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा की जाएगी, जिसे 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। इस मामले में विधायक विकास ठाकरे ने अस्पताल से जुड़ी अनियमितताओं के बारे में शिकायत दर्ज करवाई थी। इसके बाद, मंत्रालय में राजस्व मंत्री बावनकुले की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें नागपुर महानगरपालिका आयुक्त अभिजीत चौधरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे। मंत्री बावनकुळे ने अस्पताल की शिकायतों का विस्तृत समीक्षा करते हुए कहा कि अस्पताल मरीजों की सेवा के लिए होते हैं, और दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सुरक्षा नियमों का पालन अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अस्पताल के निर्माण में अनियमितताओं और अग्निशमन प्रमाणपत्र की अनुपस्थिति को गंभीर विषय बताया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य अस्पताल को बंद करना नहीं है, बल्कि उसे सुचारू रूप से संचालित करना है। इसके लिए, अस्पताल को कानूनी नोटिस देकर एक महीने का समय दिया जाएगा ताकि वे सभी कमियों को पूरा कर सकें। इसके अलावा, मंत्री बावनकुले ने नागपुर शहर के सभी अस्पतालों की जांच करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बॉम्बे नर्सिंग एक्ट, 1949 के तहत मेडिट्रिना अस्पताल को नोटिस देकर सभी आवश्यक सुधार करने होंगे। मंत्री के निर्देशानुसार, जांच समिति में नगर विकास विभाग के संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव और अग्निशमन विभाग के अधिकारी शामिल किए जाएंगे।