
मुंबई। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की मुंबई क्षेत्रीय इकाई ने एक बड़े सोना तस्करी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (सीएसएमआईए) से संचालित एक हाई-प्रोफाइल अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट को बेनकाब किया है। न्यूयॉर्क से आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या AI-116 के एक क्रू सदस्य को संदिग्ध गतिविधियों के चलते 13 जून को रोका गया, जिसके पास से 1.373 किलोग्राम तस्करी किया गया विदेशी सोना बरामद हुआ, जिसकी कीमत 1.41 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। गिरफ्तार क्रू सदस्य गिरीश पिंपल को हवाई अड्डे पर ग्रीन चैनल से बिना किसी कस्टम घोषणा के बाहर निकलते समय पकड़ा गया। उसकी तलाशी में वैलेट पार्किंग पर्ची के साथ हस्तलिखित नोट मिले, जिनमें सोने का वजन, लागत और मुनाफे की जानकारी थी। पूछताछ में पिंपल ने कबूल किया कि वह रैकेट का हिस्सा है और उसने बचने के लिए सोने की थैलियां बैगेज सेवा क्षेत्र में एक सोफे के पीछे छिपा दी थीं। तलाशी में छह सोने की वस्तुएं (तीन छड़ें और तीन टुकड़े) बरामद हुईं। पिंपल ने यह भी खुलासा किया कि उसे इस तस्करी के लिए सरगना राकेश राठौड़ ने प्रशिक्षित किया था और प्रति किलोग्राम सोना लाने पर दो लाख रुपये का कमीशन देने का वादा किया था। डीआरआई ने अगले दिन राठौड़ को तलब किया, जिसने अपने बयान में माना कि वह पिछले एक साल से पिंपल से सोना मंगवा रहा था और अमेरिका से नकद में सोना खरीदकर भारत लाने का निर्देश देता था। राठौड़ ने यह भी माना कि उसने पहले भी दो बार इसी तरह पिंपल से सोने की खेप ली थी और अमेरिका में इसके लिए $1.5 लाख की व्यवस्था की थी।
गौरतलब है कि राठौड़ 2020 में भी एक तस्करी मामले में मुंबई कस्टम्स द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है। दोनों आरोपियों के बयान सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में लिए गए, लेकिन अधिकारियों के अनुसार वे पूछताछ में असहयोगी रहे और उन्होंने न तो विदेशी मुद्रा के स्रोत, न ही घरेलू खरीदारों या सिंडिकेट के अन्य सदस्यों के बारे में कोई जानकारी दी। फिलहाल, डीआरआई ने सीमा शुल्क अधिनियम की धारा 110 के तहत सोने और अन्य सामग्रियों को जब्त कर लिया है और इस अंतरराष्ट्रीय तस्करी रैकेट की पूरी परतें खोलने के लिए गहन जांच शुरू कर दी है।