
हैदराबाद। भारतीय सिनेमा ने वेनिस फिल्म फेस्टिवल 2025 में एक मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई, जहां इंदिरा धर निर्देशित और दिव्या दत्ता अभिनीत फिल्म ‘इकोज ऑफ वैलोर’ ने दर्शकों को भावुक और स्तब्ध कर दिया। यह हिंदी डेब्यू फिल्म शुक्ला बंदोपाध्याय की वास्तविक जीवन पर आधारित बॉयोपिक है, जिसमें कश्मीर सीमा पर संघर्ष के दौरान अपने बेटे को खोने वाली एक मां की कहानी दिखाई गई है। फिल्म में दिव्या दत्ता ने शुक्ला बंदोपाध्याय का किरदार निभाया, जिसे उन्होंने अपने करियर का सबसे कठिन और संतोषजनक प्रोजेक्ट बताया। उनके साथ नीरज काबी और ऋषभ साहनी ने भी अहम भूमिकाएं निभाईं। इस फिल्म के निर्माण में चार साल से अधिक का समय लगा और इसका अनावरण पहले कॉन्स फिल्म फेस्टिवल में शेखर कपूर ने किया था। स्क्रीनिंग के बाद का सन्नाटा दर्शकों की भावनात्मक प्रतिक्रिया को बयां कर रहा था। दत्ता ने कहा, “यह किरदार केवल अभिनय नहीं था, बल्कि एक महिला के दुःख, साहस और धैर्य को महसूस करने और अपनाने का सफर था। सेट पर शुक्ला बंदोपाध्याय की मौजूदगी ने इस जिम्मेदारी को और गहरा कर दिया। फिल्म युद्ध की छाया में जी रही महिलाओं के संघर्ष, साझा मानवीयता और बच्चों को प्रेम सिखाने के महत्व पर जोर देती है। इंदिरा धर ने इसे अपनी सबसे निजी परियोजना बताते हुए कहा कि यह फिल्म “घर वापसी” जैसी लगी। अब टीम की उम्मीद है कि ‘इकोज ऑफ वैलोर’ भारतीय दर्शकों तक भी पहुंचेगी। दिव्या दत्ता ने कहा, “यह सिर्फ युद्ध की फिल्म नहीं है, बल्कि माता-पिता, क्षति और पुनर्निर्माण की कहानी है। आज जब मैंने इसे देखा, तो मुझे इस कहानी का हिस्सा बनने पर गर्व महसूस हुआ।