
झांसी, उत्तर प्रदेश। आकांक्षा समिति एवं फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एफ़ओजीएसआई) के संयुक्त तत्वावधान में जिला महिला चिकित्सालय, झांसी में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें भर्ती प्रसूता महिलाओं को शिशु किट वितरित की गईं और मातृ-शिशु स्वास्थ्य व पोषण को लेकर जागरूक किया गया। कार्यक्रम में आकांक्षा समिति की मंडलीय अध्यक्षा प्रो. रचना विमल (दुबे) और स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रभारी डॉ. कुसुम पांडेय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। विशिष्ट अतिथि के रूप में एफ़ओजीएसआई झांसी शाखा की अध्यक्षा डॉ. अलका सेठी, डॉ. विद्या चौधरी, आकांक्षा समिति की उप सचिव व वरिष्ठ समाजसेविका डॉ. नीति शास्त्री तथा जिला महिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. राजनारायण मौजूद रहे। इस अवसर पर एफ़ओजीएसआई के सहयोग से आकांक्षा सिलाई केंद्र में निर्मित 25 शिशु किट प्रसूता माताओं को “स्वस्थ जच्चा-स्वस्थ बच्चा” का संदेश देते हुए वितरित की गईं तथा फल भी प्रदान किए गए। किट में नवजात शिशुओं के लिए साफ सूती कपड़े, ऊनी टोपा, मोजे, स्वेटर के साथ-साथ प्रसूता महिलाओं के लिए आयरन-फोलिक एसिड व कैल्शियम की गोलियां तथा मौसमी फल शामिल थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. रचना विमल ने कहा कि प्रसव के बाद महिलाओं को विशेष देखभाल और पोषण की आवश्यकता होती है। मां का स्वस्थ रहना बच्चे के स्वास्थ्य की बुनियाद है, क्योंकि पहले छह महीनों तक शिशु का मुख्य पोषण मां के दूध पर निर्भर करता है। उन्होंने आकांक्षा समिति और एफ़ओजीएसआई के संयुक्त प्रयास से महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण, विशेषकर सर्वाइकल कैंसर जांच अभियानों को आगे बढ़ाने का संकल्प भी व्यक्त किया। डॉ. कुसुम पांडेय ने कहा कि मां बनना सृष्टि का अनमोल उपहार है और हमारी पारंपरिक परंपराएं—जैसे सुपाच्य आहार, मेवे, संक्रमण से बचाव और अन्नप्राशन—वास्तव में मां और शिशु के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर बनाई गई थीं। डॉ. अलका सेठी ने प्रसूता महिलाओं को सलाह दी कि वे प्रसव के बाद भी कम से कम छह माह तक आयरन-फोलिक एसिड और कैल्शियम की गोलियां नियमित लें, संतुलित आहार अपनाएं, स्तनपान के दौरान पोषण पर विशेष ध्यान दें और किसी भी समस्या पर तुरंत चिकित्सकीय जांच कराएं। डॉ. नीति शास्त्री ने आकांक्षा समिति के उद्देश्यों और गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि यह पहल मातृ स्वास्थ्य में सुधार की दिशा में एक सहायक और प्रभावी कदम है। कार्यक्रम के अंत में सीएमएस डॉ. राजनारायण ने सभी अतिथियों और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। इसके पश्चात समिति के सदस्यों ने अस्पताल के एसएनसीयू, लैब, टीकाकरण कक्ष, ओपीडी, जेएसवाई वार्ड और प्रसूता वार्ड का भ्रमण भी किया। कार्यक्रम में डॉ. प्रियंका चौधरी, कौशल कुशवाहा सहित चिकित्सालय का स्टाफ और बड़ी संख्या में प्रसूता महिलाएं उपस्थित रहीं।




