
अमरावती। किसानों, दिव्यांगों, विधवाओं और समाज के वंचित तबकों की मांगों को लेकर प्रहार जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और विधायक बच्चू कडू द्वारा 8 जून से जारी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है। शुक्रवार को पार्टी के वरुड तालुका प्रमुख अजय भागवतराव चौधरी (35) ने कथित रूप से ज़हर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया, जिससे पूरे राज्य में सनसनी फैल गई है। चौधरी को तत्काल एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने इसे सरकार की संवेदनहीनता का नतीजा करार देते हुए कहा कि आंदोलन की लगातार उपेक्षा ने जमीनी कार्यकर्ताओं को हताशा की कगार पर ला दिया है। यह आंदोलन अब छठे दिन में प्रवेश कर चुका है। बच्चू कडू की तबीयत भी लगातार बिगड़ रही है। शुक्रवार सुबह उन्हें उल्टियां और अत्यधिक कमजोरी महसूस हुई, पर उन्होंने चिकित्सकीय हस्तक्षेप, दवाओं और सलाईन लेने से स्पष्ट इनकार कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, लंबे समय तक अन्न-जल का त्याग शरीर के प्रमुख अंगों- विशेषकर किडनी को नुकसान पहुंचा रहा है। बच्चू कडू ने स्पष्ट शब्दों में कहा है, “जब तक सरकार हमारी मांगें पूरी नहीं करती, तब तक मैं न दवा लूंगा और न इलाज कराऊंगा। वहीं प्रहार कार्यकर्ताओं ने लातूर जिला तालुका औसा ने आज तहसील कार्यालय में प्रवेश किया और अर्धनग्न विरोध प्रदर्शन किया। और आंदोलन के समर्थन में परभणी जिले की पूर्णा तहसील में कार्यकर्ताओं ने मुंडन करा कर विरोध प्रदर्शन किया। इसी प्रकार पूरे महाराष्ट्र में प्रहार कार्यकर्ताओ ने प्रदर्शन किया। प्रहार पार्टी की मुख्य मांगें किसानों के लिए तत्काल कर्जमाफी, दिव्यांगजनों के लिए पेंशन योजनाओं का पुनरुद्धार, विधवाओं के लिए सहायता पैकेज और कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर हैं। इस बीच राज्य सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे आंदोलन के और भी उग्र होने की आशंका जताई जा रही है।
