
मुंबई। मुंबई में हाल ही में हुई दो भीषण सड़क दुर्घटनाओं ने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहली घटना 3 अप्रैल की रात गोरेगांव के वेस्टर्न एक्सप्रेसवे पर हुई, जहां वनराई पुलिस स्टेशन की सीमा में सीआईएसएफ जवान द्वारा चलाए जा रहे वाहन ने एक ऑटो-रिक्शा को टक्कर मार दी। इस हादसे में एक महिला की मौत हो गई, जबकि ऑटो चालक और महिला की दो बेटियां गंभीर रूप से घायल हो गईं। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि सीआईएसएफ चालक शराब के नशे में था और गलत दिशा से वाहन चला रहा था। वनराई पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं और मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया है। दूसरी घटना 29 मार्च को दोपहर में लोअर परेल के एलफिंस्टन ब्रिज पर हुई, जहां एक तेज रफ्तार टैक्सी और कार के बीच हुई टक्कर में टैक्सी चालक और एक महिला यात्री की मौके पर ही मौत हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि टैक्सी पूरी तरह चकनाचूर हो गई। अधिकारियों का मानना है कि ब्रिज पर डिवाइडर न होने और अत्यधिक गति दुर्घटना के मुख्य कारण थे। इन दोनों घटनाओं ने न सिर्फ प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन और सड़क पर लापरवाही अब आम नागरिकों की जान के लिए सीधा खतरा बन चुकी है।