
नई दिल्ली। देश की संसदीय परंपराओं और स्वतंत्रता संग्राम के गौरवशाली इतिहास को रेखांकित करने के उद्देश्य से 24 और 25 अगस्त को दिल्ली विधानसभा के ऐतिहासिक भवन में पहली बार ‘ऑल इंडिया स्पीकर्स कांफ्रेंस’ का आयोजन होगा। यह सम्मेलन देश के पहले निर्वाचित केंद्रीय विधानसभा अध्यक्ष विट्ठलभाई पटेल की अध्यक्षता के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह करेंगे, जबकि समापन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला करेंगे। इस अवसर पर विट्ठलभाई पटेल के जीवन, संसदीय योगदान और स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका पर आधारित प्रदर्शनी, विशेष डॉक्यूमेंट्री और स्मारक डाक टिकट का लोकार्पण किया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने इस आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी हैं। सम्मेलन में देशभर की 32 विधानसभाओं और विधान परिषदों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सभापति और उपसभापति भाग लेंगे, जबकि पश्चिम बंगाल के विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने इसमें हिस्सा न लेने का निर्णय लिया है। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि सम्मेलन के दौरान पेपरलेस प्रणाली, सौर ऊर्जा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे भविष्यमुखी विषयों को भी शामिल किया गया है। दिल्ली सरकार ने अतिथियों के स्वागत और प्रोटोकॉल के लिए 125 अधिकारियों को नियुक्त किया है तथा सभी राज्यों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों को ‘स्टेट गेस्ट’ का दर्जा दिया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आतिशी सहित वर्तमान व पूर्व सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम के तहत 23 अगस्त को मुख्यमंत्री द्वारा स्वागत रात्रिभोज, 24 अगस्त को संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष द्वारा रात्रिभोज और 25 अगस्त को राज निवास में उपराज्यपाल द्वारा रात्रिभोज आयोजित होंगे। इन अवसरों पर देश की विविध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने वाले विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाएंगे। दो दिवसीय कांफ्रेंस में चार प्रमुख सत्र होंगे, जिनमें विट्ठलभाई पटेल की संविधान निर्माण में भूमिका, स्वतंत्रता-पूर्व केंद्रीय विधानसभा के नेताओं का योगदान, शासन में पारदर्शिता हेतु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका और ‘भारत लोकतंत्र की जननी’ विषय पर चर्चा शामिल है। दिल्ली विधानसभा भवन का निर्माण 1912 में हुआ था और यह स्वतंत्रता आंदोलन का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। यहीं से लाला लाजपत राय, पंडित मदन मोहन मालवीय और गोपाल कृष्ण गोखले जैसे नेताओं ने औपनिवेशिक नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई थी। रॉलेट एक्ट का विरोध और असहयोग आंदोलन की शुरुआत भी इसी परिसर से हुई थी। प्रदर्शनी में विट्ठलभाई पटेल के अभिलेखीय दस्तावेज, फोटोग्राफ और ऐतिहासिक कार्यवाही के रिकॉर्ड प्रदर्शित किए जाएंगे, जिनमें वह दिन भी शामिल होगा जब शहीद भगत सिंह ने विधानसभा में बम फेंका था। डॉक्यूमेंट्री में महात्मा गांधी के तीन ऐतिहासिक आगमन, साइमन कमीशन के विरोध और पटेल के अध्यक्ष पद संभालने के क्षणों को भी दर्शाया जाएगा।