
मुंबई। राज्य में पिछले कुछ दिनों से सक्रिय हुए मानसून ने कई जिलों में भारी तबाही मचाई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के निर्देशानुसार प्रभावित क्षेत्रों में पंचनामा कार्य अपने अंतिम चरण में है। कृषि मंत्री दत्तात्रेय भारणे ने शुक्रवार को कहा कि किसानों को तत्काल सहायता प्रदान की जाएगी और कोई भी किसान मदद से वंचित नहीं रहेगा। राज्य के 29 जिलों के 191 तालुकों में हुई भारी बारिश से 654 से अधिक राजस्व मंडलों में खरीफ फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं। कुल 14,44,749 हेक्टेयर (36,11,872.5 एकड़) क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इनमें से 12 जिलों में 10 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में नुकसान दर्ज किया गया है। सबसे अधिक नुकसान 15 से 20 अगस्त के बीच हुई बारिश से हुआ। सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं: नांदेड़ – 6,20,566 हेक्टेयर, वाशिम – 1,64,557 हेक्टेयर, यवतमाल – 1,64,932 हेक्टेयर, धाराशिव – 1,50,753 हेक्टेयर, बुलढाणा – 89,782 हेक्टेयर, अकोला – 43,828 हेक्टेयर, सोलापुर – 47,266 हेक्टेयर, हिंगोली – 40,000 हेक्टेयर। प्रभावित क्षेत्रों में मुख्य रूप से सोयाबीन, मक्का, कपास, उड़द, अरहर और मूंग की फसलें तबाह हुई हैं। इसके अलावा, कुछ स्थानों पर सब्जियां, फल, बाजरा, गन्ना, प्याज, ज्वार और हल्दी की फसलें भी प्रभावित हुई हैं। प्रभावित जिलों में नांदेड़, वाशिम, यवतमाल, बुलढाणा, अकोला, सोलापुर, हिंगोली, धाराशिव, परभणी, अमरावती, जलगाँव, वर्धा, सांगली, अहिल्यानगर, छत्रपति संभाजीनगर, जालना, बीड, लातूर, धुले, रत्नागिरी, चंद्रपुर, सतारा, नासिक, कोल्हापुर, सिंधुदुर्ग, गढ़चिरौली, रायगढ़ और नागपुर शामिल हैं। सरकार ने आश्वासन दिया है कि प्रभावित किसानों को समय पर मुआवजा दिया जाएगा और राहत कार्य तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा।