
बीड। महाराष्ट्र में लगातार हो रही भारी बारिश ने कई जिलों में तबाही मचा दी है, जिससे नदियाँ-नाले उफान पर आ गए हैं और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बीड जिले के आष्टी तालुका में बारिश ने सबसे ज्यादा नुकसान किया है, जहाँ खेतों और घरों में पानी घुसने से किसानों की फसलें चौपट हो गईं। इसी सिलसिले में मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने घाट पिंपरी कड़ा करखेल खुर्द गांव का दौरा कर किसानों के आंसू पोंछे और कृषि मंत्री से बात कर तत्काल मदद की मांग की। परभणी जिले में भी लगातार पाँचवें दिन भारी बारिश से हालात बिगड़ गए हैं, जहाँ मनवत और पूर्णा तालुका के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। देवलगांव अवचर, भोगाव साबले, ताड़बोरगांव और मंडाखली सहित कई गांवों में खेतों में खड़ी सोयाबीन व कपास की फसलें बर्बाद हो गईं। देवलगांव अवचर में जगह-जगह एक फुट तक पानी भर गया और 33 केवी बिजली क्षेत्र में जलभराव से बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई। पूर्णा तालुका के लिमला, पिंगली, सिंगनापुर और लोहगांव में भी बाढ़ का पानी घुस गया और नाले के उफान से ग्रामीण सड़कों पर फंस गए, हालांकि पानी घटने के बाद वे सुरक्षित लौट आए। मराठवाड़ा क्षेत्र के अन्य जिलों- लातूर, नांदेड और उस्मानाबाद में भी बारिश से खरीफ फसलों को बड़ा नुकसान हुआ है। प्रभावित किसानों का कहना है कि औपचारिक पंचनामा की बजाय तत्काल आर्थिक मदद दी जाए, क्योंकि पहले से ही कर्ज और सूखे की मार झेल रहे किसानों के लिए यह आपदा और भी गहरा संकट लेकर आई है।




