
राज्य सरकार मृत श्रद्धालुओं के परिजनों को देगी 6 लाख सहायता राशि
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को हुई लगातार बारिश ने भारी तबाही मचाई। भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं से कई इलाके प्रभावित हुए, जबकि माता वैष्णो देवी मंदिर के मार्ग पर हुए भूस्खलन में 32 लोगों की जान चली गई। निचले क्षेत्रों में पानी भरने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 6 लाख रुपये की अनुग्रह राशि (एसडीआरएफ से 4 लाख और मुख्यमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपये) देने की घोषणा की है। गंभीर रूप से घायलों को 1 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राहत, पुनर्वास और बहाली के त्वरित कार्यों के लिए प्रत्येक उपायुक्त को 10 करोड़ रुपये अग्रिम देने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया एक्स पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि प्रभावित जिलों में त्वरित सहायता पहुंचाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हालात से अवगत कराया और एनडीआरएफ टीमों की तैनाती व निरंतर सहायता आश्वासन के लिए आभार व्यक्त किया। बारिश थमने के बाद बुधवार को कुछ राहत मिली है और निचले इलाकों का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है। हालांकि, जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़ सहित कई जिलों में बाढ़ और भूस्खलन से हालात अभी भी चुनौतीपूर्ण हैं।
कटरा से मंदिर तक के 12 किलोमीटर लंबे मार्ग में आधे रास्ते पर भूस्खलन हुआ। हिमकोटि ट्रेक मार्ग पर मंगलवार सुबह से यात्रा स्थगित कर दी गई थी, जबकि पुराने मार्ग पर दोपहर 1.30 बजे तक यात्रा जारी रही। अधिकारियों ने मूसलाधार बारिश को देखते हुए इसे अगले आदेश तक रोकने का फैसला किया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आपदा की पूर्व चेतावनी के बावजूद तीर्थयात्रियों को मार्ग पर जाने देने को लेकर अधिकारियों से सवाल किया। उन्होंने कहा, “जब हमें मौसम की चेतावनी मिल चुकी थी, तो क्या हमें इन लोगों की जान बचाने के लिए कुछ कदम नहीं उठाने चाहिए थे? ये लोग ट्रैक पर क्यों थे? उन्हें सुरक्षित स्थान पर क्यों नहीं भेजा गया?