
झाँसी, उत्तर प्रदेश। गुरुद्वारा श्री गुरु नानक दरबार, झोकन बाग में प्रथम सिख गुरु श्री गुरु नानक देव जी का 556वां प्रकाश पर्व अत्यंत श्रद्धा, भक्ति और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुबह से ही गुरुद्वारे में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी, जहां दिनभर कीर्तन, शबद वाणी और लंगर सेवा का आयोजन हुआ। पूरे परिसर में “सतनाम श्री वाहेगुरु” के जयघोष से वातावरण भक्तिमय बन गया। कार्यक्रम में संघर्ष सेवा समिति के संस्थापक डॉ. संदीप सरावगी ने गुरुद्वारे पहुँचकर गुरु नानक देव जी के चरणों में मत्था टेका और श्रद्धा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी ने मानवता, समानता और सेवा का अमूल्य संदेश देकर समाज को नई दिशा प्रदान की। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्ची भक्ति दूसरों की सहायता, करुणा और प्रेमभाव में निहित है।
डॉ. सरावगी ने आगे कहा कि इस पावन अवसर पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम गुरु नानक देव जी के उपदेश- “नाम जपो, कीरत करो, वंड छको” को अपने जीवन में अपनाएँ और समाज में प्रेम, शांति तथा एकता का प्रकाश फैलाएँ। इस अवसर पर परमजीत सिंह, सतनाम सिंह, अमनदीप सिंह भटिया, गगनदीप सिंह, रत्नाकर सिंह, रोनक बग्गा, कारन सिंह, इंदर मोहन सिंह, कालू भैया (बासन जी) और नेट्टू नागपाल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान गुरुद्वारा परिसर में भक्ति संगीत और शब्द कीर्तन से वातावरण गुंजायमान रहा। श्रद्धालुओं ने गुरु परंपरा के प्रति अपनी अटूट आस्था व्यक्त करते हुए सामूहिक रूप से लंगर सेवा में सहभागिता की। इस अवसर पर संघर्ष सेवा समिति की ओर से अनुज प्रताप सिंह, इंजीनियर राजेश कुमार, धर्मेंद्र गुर्जर, सूरज वर्मा, सिद्धांत गुप्ता और राकेश आदि भी उपस्थित रहे। आयोजन ने झाँसी में भाईचारे, सेवा और सद्भाव का प्रेरणादायक संदेश प्रसारित किया।




