
मुंबई। महाराष्ट्र में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। इस दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी से अब तक राज्य में आठ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कुल मामलों की संख्या 192 तक पहुंच गई है। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र पुणे है, जहां 100 से अधिक मरीज सामने आए हैं। मुंबई में भी जीबीएस के मामले सामने आने लगे हैं। हाल ही में 53 वर्षीय व्यक्ति की इस बीमारी से मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य में 50 से अधिक मरीज ICU में भर्ती हैं।
नाना पटोले ने सरकार को घेरा
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने सरकार पर इस संकट को गंभीरता से न लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जीबीएस का पहला मामला 9 जनवरी को सामने आया था, लेकिन राज्य सरकार की प्रतिक्रिया धीमी रही। उन्होंने महंगे इलाज और 20,000 रुपये के इंजेक्शन की ऊंची कीमत को लेकर भी चिंता व्यक्त की।
सरकार की अपील: घबराएं नहीं, सतर्क रहें
राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से घबराने के बजाय सतर्क रहने की अपील की है। नागरिकों को साफ पानी पीने, अच्छे से पका हुआ भोजन खाने और स्वच्छता का ध्यान रखने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसी को हाथ-पैर में झुनझुनी, कमजोरी या सुन्नपन महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। सरकार इस बीमारी से निपटने के लिए अस्पतालों में विशेष व्यवस्थाएं करने का दावा कर रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस योजना सामने नहीं आई है।